चंडीगढ़। पंजाब में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब राज्य की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) के एक मंत्री और कांग्रेस के दो विधायकों समेत दो उम्मीदवार लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। वहीं जालंधर पश्चिम से विधायक शीतल अंगुराल का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया गया है। ऐसे में चुनाव आयोग आने वाले समय में कभी भी चुनावों की घोषणा कर सकता है। इसके साथ ही पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल में भी फेरबदल की संभावना है। मंत्री से सांसद बने गुरमीत सिंह मीत हेयर की जगह जहां नए चेहरे की एंट्री होगी, वहीं चुनाव हारने वाले चार मंत्रियों के भविष्य पर भी पार्टी विचार कर सकती है। इस बार लोकसभा चुनाव में (AAP) ने 5 मंत्रियों को उतारा था। इनमें एकमात्र संगरूर लोकसभा हलके से मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर 172360 के अंतर से कांग्रेस के सुखपाल सिंह खैहरा से चुनाव जीते हैं। वह मौजूदा समय में बरनाला से विधायक हैं। ऐसे में बरनाला सीट पर उपचुनाव होंगे। इसी तरह कांग्रेस का विधायक पद छोड़ आप में शामिल हुए राज कुमार चब्बेवाल होशियापुर सीट से सांसद चुने गए हैं। उन्होंने 44111 के मतों के अंतर कांग्रेस की यामिनी गोमर को शिकस्त दी है। वहीं, उनकी चब्बेवाल सीट भी खाली है, वहां पर उप चुनाव होंगे। श्री मुक्तसर साहिब जिले के गिद्दड़बाहा विधानसभा के विधायक व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष लुधियाना लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं, इनकी सीट पर भी उप चुनाव होंगे।
उन्होंने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए रवनीत सिंह बिट्टू को 20942 मतों के अंतर से हराया है। इसके अलावा गुरदासपुर से पूर्व डिप्टी सीएम व राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा चुनाव जीते हैं। उन्होंने 82 861 मतों के अंतर से दिनेश बब्बू को हराया है। ऐसे में उनकी डेरा बाबा नानक विधानसभा सीट पर चुनाव होंगे। वहीं, जालंधर के विधायक शीतल अंगुराल ने लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया था। उनका भी इस्तीफा मंजूर है। ऐसे में उस सीट पर भी चुनाव होंगे। अभी तक मौजूदा सरकार की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। क्योंकि पंजाब में जनवरी से ही पंचायतों के चुनाव डयू है। इसके अलावा शहरी एरिया में पांच नगर निगमों के चुनाव भी होने तय हैं। इनमें अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, जालंधर और फगवाड़ा शामिल हैं। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंचा है। लेकिन जिस तरह से लोकसभा चुनाव के नतीजे आए हैं। उससे सरकार की टेंशन बढ़ी हुई है। क्योंकि पार्टी को शहरी एरिया में कांग्रेस और भाजपा ने कड़ी टक्कर दी हैं। भाजपा का वोटर शेयर प्रतिशत बढ़कर अब 18.56 हो गया है। जबकि आप 26.02 फीसदी और कांग्रेस 26.30 फीसदी हो गया है।
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Yashpal Sharma (Editor)