चंडीगढ़। चंडीगढ़ में वेरका के डिप्टी मैनेजर अशीम कुमार सेन पर रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। अदालत ने मामले की सुनवाई 6 जनवरी 2025 से शुरू करने का आदेश दिया है, जहां डिप्टी मैनेजर पर भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने से संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा चलेगा। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने नवंबर 2023 में वेरका के डिप्टी मैनेजर को ठेकेदार से रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। मामला तब उजागर हुआ जब वेरका के ठेकेदार अनूप कुमार हुड्डा ने सीबीआई कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि डिप्टी मैनेजर उनसे 15,000 रुपए प्रति महीने की रिश्वत की मांग कर रहा था। शिकायत के अनुसार, वेरका में कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का ठेका हुड्डा के पास था, लेकिन डिप्टी मैनेजर बनने के बाद अशीम कुमार ने अनुचित दबाव बनाना शुरू कर दिया और 1.10 लाख रुपए की पेनाल्टी भी ठेकेदार पर थोप दी।
सीबीआई ने जाल बिछाकर पकड़ा था
सीबीआई की जांच में सामने आया कि डिप्टी मैनेजर रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 30,000 रुपए की मांग कर रहा था। इस आधार पर सीबीआई ने एक जाल बिछाया और चंडीगढ़ के सेक्टर-35 स्थित एक होटल में डिप्टी मैनेजर को 30,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई द्वारा की गई प्राथमिक जांच के बाद, अदालत ने मामला दर्ज किया और अब डिप्टी मैनेजर के खिलाफ मुकदमा शुरू होने जा रहा है। जनवरी 2025 से इस मामले की सुनवाई शुरू होगी, जिसमें आरोपी पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है और सरकारी संस्थानों में पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया है। अब यह देखना होगा कि अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान क्या नतीजे सामने आते हैं और दोषियों को किस प्रकार की सजा दी जाती है।
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Yashpal Sharma (Editor)