यशपाल शर्मा, लुधियाना
दयानंद मेडिकल कालेज एंड अस्पताल की नई मैनेजमेंट की ओर से अस्पताल में काम करने वाले डाक्टरों के लिए एक फरमान जारी कर दिया है, जिसके चलते डाक्टरों में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया है। इस फरमान के तहत अब कोई भी डाक्टर नए साल की पहली तारीख यानि एक जनवरी 2024 से अपने घर पर प्राइवेट प्रैक्टिस, क्नीलिक या नर्सिंग होम नहीं चला पाएंगे। इस संबंधी मैनेजमेंट की ओर से सभी डाक्टरों को ये फरमान जारी किए कईं दिन भी बीत चुके हैं, लेकिन अब इस फरमान को डाक्टर कितना अमल में लाते हैं या ये कहे इस आदेश के बावजूद एक जनवरी के बाद प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों पर डीएमसी क्या कार्रवाई करती है, उसके फैसले की घड़ी को मात्र चार दिन बाकी रह गए हैं। ये डाक्टर अपने घरों या क्लीनिक की बजाय अस्पताल में ही प्राइवेट प्रैक्टिस करें, इसके लिए अस्पताल के अंदर ओपीड़ी की तैयारी भी तेजी से चल रही हैं। डीएमसी अस्पताल में कईं सीनियर डाक्टर ऐसे हैं, जिनकी रोजाना की प्राइवेट प्रैक्टिस एक से दो लाख रुपए के बीच या इससे अधिक हैं। वहीं अस्पताल के कईं हैड आफ डिपार्टमेंट का ओहदा संभाल रहे डाक्टरों की रोजाना प्राइवेट ओपीड़ी भी 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक की है। ऐसे में अस्पताल मैनेजमेंट का ये आदेश कईं डाक्टरों के आगे का डीएमसी में भविष्य भी तय करने वाला है। बड़ी बात है कि डीएमसी हीरो हार्ट में काम करने वाले सीनियर से जूनियर डाक्टर अपने घर में प्रैक्टिस नहीं करते हैं और उनकी ओपीडी सुबह आठ से शाम 8 बजे तक रहती है। गौर हो कि मौजूदा डीएसमी के सेक्रेटरी विपन गुप्ता के पिता प्रेम नाथ गुप्ता के कार्यकाल में साल 2000 में भी अस्पताल के डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस बंद करने के आदेश जारी किए गए थे और तब भी इसको लेकर काफी बवाल मचा था।
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डीएमसी डाक्टरों की प्राइवेट ओपीड़ी में लगती हैं लंबी लाइनें
डीएमसी के कईं सीनियर डाक्टर ऐसे हैं, जहां आपवाइंटमेंट लेने को दो से तीन तक लग जाते हैं और अधिकतर डाक्टरों की घर या क्लीनिक ओपीडी में मरीजों को लंबी लाइन में लगना पड़ता है। डीएमसी के फेमस डाक्टर जिनमें डा. राजेश महाजन डा. संदीप पुरी, अजीत सूद, वरुण मेहता, डा. दिनेश गुप्ता, डा. परमिंदर, डा. आशिमा, डा. संदीप शर्मा, डा. अतुल मिश्रा, डा. रमित महाजन, डा. पुनीत पुन्नी, डा. धूरिया सहित कुछ अन्य ऐसे डाक्टर हैं, जो शहर में अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए जाने जाते हैं। ये डाक्टर ऐसे हैं, जिनके पास मरीज केवल लुधियाना से नहीं पंजाब, हिमाचल व जम्मू कश्मीर तक से प्राइवेट ओपीड़ी में दिखाने आते हैं।
डाक्टरों को फार्मेंसी चलाने पर भी मनाही
डीएमसी मैनेजमेंट की ओर से से भले एक जनवरी 2024 से डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस बंद करने को कहा है, लेकिन इससे पहले एक अगस्त 2023 तक इन डाक्टरों को अपने घर या क्लीनिक में खोली गई फार्मेंसी या कहें ड्रग स्टोर भी बंद करने काे कहा गया है, जिसे अधिकतर डाक्टर अभी तक अमल में नहीं लाए। बताया जाता है कि मैनेजमेंट अपने तौर पर इसकी भी इंक्वायरी कर डिटेल जुटा चुका है।
New-Management-Of-Dmc-Issues-Decree-Doctors-Will-Not-Be-Able-To-Practice-At-Home-From-January-1