ई न्यूज पंजाब, लुधियाना। सांसद संजीव अरोड़ा के मार्गदर्शन में शहर स्थित गैर सरकारी संगठनों कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट और संवेदना ट्रस्ट की मदद से शुरू किया गया एक अभियान, "लेट्स सेव कनव - हेल्प बिफोर इट्स टू लेट" अंततः सकारात्मक परिणाम लेकर आया है। नई दिल्ली के रहने वाले करीब डेढ़ साल के कनव का इलाज नई दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में किया गया है। कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट चलाने वाले अरोड़ा ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि कनव जांगड़ा का इलाज परसों डॉ. रत्ना दुआ पुरी (सर गंगा राम हॉस्पिटल) ने किया था। कनव को ज़ोलजेन्स्मा नाम की जीन थेरेपी दी गई, जिसकी कीमत 17.50 करोड़ रुपये (2.1 मिलियन यूएस डॉलर) है। अरोड़ा ने आगे कहा कि जीन थेरेपी का एक पैक, ज़ोलगेनएसएमए (मेड इन यूएसए) इस वर्ष जून में यूके के डर्बिन पीएलसी (यूनिफ़ार ग्रुप का हिस्सा) से 21,25,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 17.50 करोड़ रुपये) की कीमत पर आयात किया गया था। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने 25 मई, 2023 को कनव द्वारा दिए गए आवेदन के पश्चात इस जीवन रक्षक दवा के आयात पर सीमा शुल्क छूट प्रमाणपत्र (सीडीईसी) दिया था। अरोड़ा ने कहा कि यह प्रमाणित किया गया था कि कनव जांगड़ा द्वारा स्वयं उपयोग के लिए दवा का आयात किया जा रहा है और यह जीवन रक्षक दवा है जिसे सीमा शुल्क के भुगतान से छूट दी गई है। अरोड़ा ने आज अपने परिवार के सदस्यों के साथ नई दिल्ली में कनव और उसके माता-पिता अमित और गरिमा से मुलाकात की और कनव को उनकी लंबी उम्र के लिए आशीर्वाद दिया। कनव के माता-पिता ने अरोड़ा को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। कनव के परिवार के सदस्य यह चर्चा करते हुए भावुक हो गए कि कैसे कनव को सभी लोगों की मदद से बचाया गया है। अरोड़ा ने बताया कि इलाज के बाद कनव को छुट्टी दे दी गई। हालांकि, कनव अगले कुछ महीनों तक डॉक्टरों की निगरानी में रहेगा। अरोड़ा ने राज्यसभा में अपनी पार्टी के नेता श्री संजय सिंह की प्रशंसा की जिन्होंने उन्हें अमित से मिलवाया था। उसके बाद, शहर में स्थित गैर सरकारी संगठन कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट और संवेदना ट्रस्ट ने कनव की जान बचाने के लिए "लेट्स सेव कनव - हेल्प बिफोर इट्स टू लेट" अभियान शुरू किया था। यह अभियान कनव की दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी एसएमए (स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी) टाइप 1 के इलाज के लिए धन जुटाने में मदद करने के लिए शुरू किया गया था। यह एक आनुवंशिक बीमारी है जो हमारे शरीर की अधिकांश गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार तंत्रिकाओं को नष्ट कर देती है। कनव के माता-पिता- अमित और गरिमा, एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं और वे महंगा इलाज कराने की स्थिति में नहीं थे। ऐसे में, शहर-आधारित गैर सरकारी संगठनों ने लोगों से मानवीय आधार पर दान की अपील पर विचार करने और एक अनमोल जीवन बचाने के लिए खुले दिल से दान करने का अनुरोध करने के लिए ईमानदार और ठोस प्रयास किए थे। किया गया दान सीएसआर अधिनियम के लिए योग्य था। सांसद राघव चड्ढा, हंस राज हंस, संजय सिंह, विवेक तन्खा, संजीव अरोड़ा, रामचंदर जांगड़ा, प्रियंका चतुर्वेदी, रवनीत सिंह बिट्टू, संत बलबीर सिंह सीचेवाल, प्रवेश वर्मा, अशोक मित्तल और मनीष तिवारी ने भी कनव के मुद्दे का समर्थन किया था। कनव के मुद्दे का समर्थन करने वालों में मशहूर हस्तियों कपिल शर्मा, सोनू सूद, फरहा खान, विद्या बालन, चंकी पांडे, राजपाल यादव, विशाल ददलानी, अली असगर, भारती सिंह, पंकज त्रिपाठी, शक्ति कपूर और कीकू शारदा भी शामिल थे। अरोड़ा ने कहा कि वह सस्ती कीमत पर दवा उपलब्ध कराने में मदद के लिए इस मामले को संसद में उठाने जा रहे हैं। साथ ही, रिसर्च एंड डेवलपमेंट में संसाधन खर्च करने का अनुरोध करेंगे ताकि इलाज सस्ता हो सके। अरोड़ा ने उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने कनव की जान बचाने में अपना सहयोग दिया।
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Yashpal Sharma (Editor)