प्रीत साहित्य सदन, लुधियाना द्वारा रविवार शाम को पुस्तक विमोचन व काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिस की अदक्षता डॉ पूनम सपरा ने की।
इस समारोह में मनोज धीमान की पुस्तक `बिरजू नाई की दुकान' (उपन्यास) पर रमा शर्मा ने प्रपत्र पढ़ा। रमा शर्मा ने ही मनोज धीमान की दूसरी पुस्तक `जागते रहो' (लघुकथा संग्रह) पर ममता जैन द्वारा लिखा प्रपत्र उनकी अनुपस्थिति में पढ़ा। दोनों प्रपत्रों में मनोज धीमान की पुस्तकों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई और इन पुस्तकों में उठाये गए कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। इस बात पर चर्चा की गई कि किस तरह `बिरजू नाई की दुकान' में कई कहानियों को उपन्यास की शक्ल में पिरोया गया है और एक साथ कई मुद्दों को उठाने का प्रयास किया गया है। पुस्तक `जागते रहो' में दर्ज कई लघुकथाओं को एक-एक करके उसकी भीतरी परतों को खोला गया है।
मंजीत कौर `मीत' की पुस्तक `आवाज़' (कहानी संग्रह) पर सीमा भाटिया ने प्रपत्र पढ़ा और कहानियों की विशेषताओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्त्री व समाज से जुडी समस्याओं व मुद्दों को इस पुस्तक में उठाया गया है। कार्यक्रम में मनोज धीमान व मंजीत कौर `मीत ने भी संबोधित किया और अपने व अपनी लेखनी के बारे में बताया। दोनों ने कहा कि अपनी रचनाओं ने लिए विषय वे समाज, देश व दुनिया तथा आस-पास के परिवेश में घट रही घटनाओं से ही लेते हैं। मनोज धीमान ने कहा कि उनका अगला उपन्यास तकनीक पर आधारित होगा जिस पर वे काफी काम कर चुके हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगले वर्ष यह उपन्यास पाठकों के हाथों में होगा।
मंच संचालक मनोज प्रीत ने मनोज धीमान व मंजीत कौर `मीत' को उनकी नई पुस्तकों के लिए बधाई दी और प्रीत साहित्य सदन की गतिविधियों के बारे में बताया कि गत 30-35 वर्षों से ऐसे साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में पुस्तकों पर प्रपत्र पढ़े गये तथा दूसरे सत्र में काव्य पाठ का आयोजन किया गया जिसमें प्रिंसिपल संजीव डावर एवं अन्य ने अपनी काव्य रचनाएँ सुनाईं।
इस अवसर पर अन्य के अतिरिक्त प्रिंसिपल संजीव डावर, ज़ोरावर सिंह पंछी, काजल, जगजीत सिंह गुरम, दर्शन सिंह बोपाराय, जसवीर सिंह झज्ज, अशफ़ाक़ जिगर, दिलीप कुमार, शरीफ अहमद शरीफ, परमजीत सिंह, आशा, पॉल के चंद, केवल दीवाना, नरेंद्र सोनी, अविनाशदीप सिंह, सतीश चंद व अन्य मौजूद थे।
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Yashpal Sharma (Editor)