शुक्रवार को लुधियाना के होटल रेडिसन में सरकार सनतकार मिल्नी के तहत पंजाब सरकार व राज्य के उद्योगपतियों की बैठक को लेकर बहादर के टेक्सटाइल्स एंड निटवियर एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑल टेक्सटाइल ट्रेडिंग एंड मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ऑफ लुधियाना ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और साथ सरकार की औद्योगिक नीतियों की निंदा भी की। गौर हो कि सरकार से इस बैठक की अगुवाई दिल्ली के सीएम व आप पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान ने की थी। पत्रकारों से बात करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष तरूण बावा जैन ने कहा कि उन्होंने सरकार की इस बैठक का बहिष्कार किया था। बावा ने उद्योगपतियों के साथ सरकार की इस बैठक को पूरी तरह से धोखा करार देते हुए कहा कि पंजाब सरकार राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी बैठकों के दौरान प्रतिभागियों को अपनी कोई समस्या व्यक्त करने की अनुमति नहीं रहती और उन्हें केवल कुछ विशिष्ट प्रश्न पूछने के लिए कहा जाता है।
बावा ने कहा कि इस बैठक का पहले से एजेंडा तैयार किया गया था और सम्मेलन में केवल सरकार के बड़े और पसंदीदा लोगों को आमंत्रित किया गया था, जो केवल सरकार के पक्ष में बोलेंगे। उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि आप सरकार राज्य से उद्योग के पलायन को रोकने के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने 'मिलनी' को पूरी तरह से फ्लॉप शो करार देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन सिर्फ फोटो खिंचवाने और वोट बटोरने के लिए किए जाते हैं। वास्तविकता यह है कि सरकार प्रगतिशील औद्योगिक नीति से वंचित है। सरकार के पास राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने का कोई विजन नहीं है। जैन ने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण व्यावहारिक होने से बहुत दूर है। जैन ने कहा कि अकेले लुधियाना शहर में 40,000 से अधिक एमएसएमई इकाइयां हैं और सरकार इसके उत्थान और प्रचार के लिए कुछ नहीं कर रही है। जैन ने शो को पूरी तरह से स्टेज मैनेज्ड बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों में केवल बड़े उद्योगपतियों को ही आमंत्रित किया जाता है और छोटे उद्योगपतियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।