डेस्क, लुधियाना
भारतीय जनता पार्टी पंजाब के मीडिया पैनलिस्ट परमिंदर मेहता (पूर्व पार्षद) ने आज लुधियाना के सर्किट हाउस में एक प्रेस वार्ता करके कहा कि पंजाब भर में आई बाढ़ के चलते राज्य इस समय गंभीर संकट से गुजर रहा है। राज्य का कोई भी ऐसा इलाका नहीं है जोकि इस जलप्रलय से प्रभावित नहीं हुआ हो। हर कोई अपने अपने तरीके से बाढ़ प्रभावित एरिया में लोगों की मदद के लिए भी जुटा हुआ है लेकिन अफसोस की बात है कि पंजाब के इस गंभीर संकट के बावजूद केंद्र सरकार का रवैय्या सौतले व्यवहार वाला बना हुआ है। करीब एक महीने से अधिक समय से पंजाब के लोग खासकर पड़ोसी राज्य हिमाचल उत्तराखंड के साथ लगते सीमावर्ती जिलो में पहले रावी व व्यास ने कहर मचाया हुआ है और अब सतलुज की मार ने शेष जिलों को भी अपने चपेट में ले लिया है। केंद्र सरकार को चाहिए था कि शुरूआती संकट के समय ही पंजाब के लिए मदद का हाथ बढ़ाती तथा देश के अन्न दाता को भरपूर सहायता देकर उनके दुख का भागीदार बनती लेकिन मन उस समय बेहद व्यथित हुआ जब केंद्र के हुक्मरानों द्वारा अफगानिस्तान पर आए भुकंप में मरने वालों पर तो ट्वीट करके दुख जताया व जम्मू में जाकर बाढ़ पीड़ितों की पूरी सार ली उनका दुख दर्द जाना व राहत प्रदान की लेकिन पंजाब में करोड़ों रूपये की फसलें तबाह होने, कई घर ढह जाने, जमीनें खत्म हो जाने, घरेलू साजो समान बर्बाद होने, पशुधन का जानी नुकसान होने के साथ कई मानवीय जिंदगियों को इस बाढ़ के लील लिए जाने के बावजूद अफसोस का एक शब्द नहीं निकला। मेहता ने कहा कि आखिर पंजाब के साथ इस प्रकार का सौतले व्यवहार क्यों किया गया। यह बात सर्वविदित है कि आजादी से लेकर देश पर आये हर संकट के समय सबसे अधिक कुर्बानियां पंजाबियों की रही है लेकिन जैसे केवल वोट की सियासत के कारण पंजाब को नजरअंदाज किया जाता रहा है। यदि हम सबसे कट्टर दुश्मन चीन के साथ गले लग सकते है तो पंजाब तो फिर देश का हिस्सा है। अब सवाल उठने पर दूसरी कतार के नेताओं को औपचारिकता के लिए भेज दिया जाता है। जोकि केवल आंखों का धोखा है। मेहता ने दुख जाहिर किया कि पंजाब भाजपा जिस प्रकार पंजाब में राजनीतिक गतिविधियों के लिए जिले से लेकर मंडल तक भूमिका निभाती है लेकिन अब पंजाब में इतनी बड़ी आपदा के बावजूद कोई ड्यूटी नहीं लगाई। हमारे कुछ नेता औपचारिकता के तौर केवल फोटो शूट ही करवा रहे है। उन्होंने कहा कि वह भाजपा में कुछ सिद्धांतों व आदर्शों के मद्देनजर शामिल हुए थे लेकिन यहां सवाल किसी पार्टी का नहीं रहा है। अब सवाल मेरी जन्मभूमि पंजाब व पंजाबियत का है। जिसके लिए आतंकवाद के समय भी हमने अपने शरीर पर गोलियां तक खाई लेकिन पंजाब की अनख, भाईचारे एवं एकता व अखंडता के लिए कोई समझौता नहीं किया। आज भी पंजाब की अनख को रौंदने की कोशिश की जा रही है जोकि बर्दाशत बाहर हो चुकी है। इसलिए आहत होकर मैं भाजपा पंजाब के मीडिया पैनलिस्ट व पार्टी सदस्या से इस्तीफा दे रहा हूं। आज मेरा पुरजोर अनुरोध है कि सभी पंजाबी भाईचारा व देशवासी देश विदेश में बैठे पंजाब से प्यार करने वाले इस संकट की घड़ी में सियासी हितों से उपर उठकर ऋषियों मुनियों, गुरूओ पीर पैंगबरों की इस पावन पंजाब की धरती व पंजाबियों का हाथ थामने के लिए आगे आएं।
Hurt-By-The-Centre-Ignoring-Punjab-Despite-The-Serious-Flood-Crisis-Bjp-Leader-Resigned
हमारा पहला उदेश्य आप तक सबसे पहले और सही खबर पहुंचाना। हमारे आसपास क्या हो रहा है, इसके बारे में आपकी नॉलेज को दुरुस्त करना। वहीं समाज की बुराईयों व गलत गतिविधियों संबंधी आगाह करना भी हमारे लक्ष्य में हैं।
Yashpal Sharma (Editor)