पंजाब। शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर के सदस्यों ने चंडीगढ़ में बैठक के बाद अपने इस्तीफे कनवीनर गुरप्रताप सिंह वडाला को दे दिए। जिन्हें आज गुरुवार स्वीकार कर लिया गया है। सुधार लहर के इस्तीफों के बाद अकाली दल में अलग बहस छिड़ गई है। इस्तीफा देने वाले नेताओं ने सुखबीर बादल के हक में गाए गए गीत पर भी सवाल खड़े किए हैं। चंडीगढ़ में हुई बैठक में सुखदेव सिंह ढींडसा, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सिकंदर सिंह मलूका (कार्यकारिणी समिति के सदस्य) और सुरजीत सिंह रखड़ा (प्रेसिडियम सदस्य) के इस्तीफे कनवीनर गुरप्रताप सिंह वडाला द्वारा स्वीकार कर लिए। इस बैठक में बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींडसा और सरवन सिंह फिलौर भी मौजूद रहे। सामूहिक बयान में लीडरशिप ने जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब को यह विश्वास दिलाया कि अगर उन्हें धार्मिक, राजनीतिक या किसी अन्य प्रकार की सेवा के लिए बुलाया जाएगा, तो वे सिर झुका कर नम्र सिख के रूप में सेवा निभाएंगे।
जत्थेदार ने बयानबाजी से परहेज करने के आदेश दिए
2 दिसंबर के करीब आते ही जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस मामले में किसी भी तरह से टिप्पणी करने से परहेज करने की सलाह दी है। जिसे सुधार लहर ने मान लिया है। कनवीनर गुरप्रताप सिंह वडाला ने सुधार लहर के सभी नेताओं से अनुरोध किया कि 2 दिसंबर को सिंह साहिबान द्वारा सुनाए जाने वाले फैसले से पहले और बाद में कोई भी नेता बयानबाजी से बचें। यह बैठक पंथक एकजुटता और सुधारों के लिए समर्पित है।
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Yashpal Sharma (Editor)