यशपाल शर्मा, लुधियाना दो दिन के भीतर लुधियना के सबसे प्रख्यात सतलुज क्लब चुनाव को लेकर नामांकन भरने का सिलसिला आरंभ हो जाएगा, लेकिन इसके साथ साथ इतने शाट टाइम में चुनाव मैदान में उतरने वाले उम्मीवार अपने प्रचार में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ते दिखाई दे रहे। इस चुनाव प्रचार में क्लब के जनरल सेक्रेटरी पद पर खडे़ होने जा रहे दूसरे उम्मीदवार डा. अजीत सिंह चावला अपने पूरे परिवार के साथ क्लब मैंबर्स से मुलाकात करते दिखे। ई न्यूज पंजाब बेव चैनल की ओर से जब इस चुनावी सरगर्मी दौरान उनसे बातचीत की गई तो उन्होंने अपना विजन तो बताया ही, लेकिन उनका क्लब से क्या रिश्ता है, इसकी जानकारी पहले दी। उन्होंने क्लब से अपने रिश्वत काे बयां करते कहा कि वे और उनकी पत्नी डा. नीना चावला पिछले करीब 37 साल से लगातार सुबह में क्लब में आ रहे हैं। मैं खुद बैडमिंटन खेलने का शौकीन हूं और मेरी पत्नी स्वीमिंग की बेहद शौकीन है। यही कारण है कि उनका क्लब व क्लब मैंबर्स से हमेशा ही जुड़ाव रहा। हमेशा ही क्लब को अपनी फैमिली ही समझकर यहां आते हैं। -------------- विजन- वीवीआईपी क्लचर खत्म करना व फूड क्वालिटी में बड़ा सुधार लाना डा. अजीत सिंह चावला ने बताया कि क्लब को लेकर उनका विजन बेहद साफ है और ये क्लब में आने वाले हर एक मैंबर में भी कहीं न कहीं रहताहै, वो हैं क्लब में वीवीआईपी व वीआईपी क्लचर को खत्म करना। जब भी क्लब में कोई फंक्शन होता है तो यहां वीवीआईपी व वीआईपी के नाम से अलग अलग लाइनें लगा दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि अगर क्लब मैंबर्स के सहयोग से वे इस पद पर जीतकर आए तो ये सबसे पहले खत्म की जाएगी। इसके साथ क्लब में छोटे या कहें किडस के लिए कुछ नहीं हैं। क्लब में बच्चों के लिए सेफ और सुरक्षित प्ले एरिया बनाना उनका अहम लक्ष्य रहेगा। लुधियाना में ऐसे केवल दो तीन जगहें है, जहां पर ये हैं। लेकिन वे इसके लिए प्रति मैंबर 5 हजार से दस हजार रुपए घंटा चार्ज करते हैं। सतलुज कलब शहर के दिग्गज बिजनेंस मैन घरानों का क्लब है, इसलिए ये सुविधा मैंबर्स को मुहैया करवाई जाएगी। इसके अलावा क्लब में आल वैदर स्वीमिंग पूल बनाना और क्लब मैंबर्स के गेस्ट क्लब में ठहर सके, इसके लिए उनके लिए चार पांच फाइव स्टार कमरे भी बनाए जाना उनके जहन में है और इसके लिए उनका मौजूदा विधायकों से बातचीत भी चल रही है। ---------- पहले सरकारी जॉब और अब चला रहे अपना नर्सिंग होम डा. चावला ने बताया कि उनकी 30 साल की सरकारी जॉब में वे अधिकतर समय लुधियाना में ही रहे और काफी लंबा समय उन्होंने बतौर लुधियाना के एसएमओ के तौर पर लोगों की सेवा की। वे चार साल तक आईएमए के प्रेसीडेंट व आईएमए में ही बतौर ज्वाइंट सेक्रेटरी दो साल तक जिम्मेदारी देख चुके हैं। यही कारण है कि डाक्टरी पेशे में उनका अच्छा खासा एक नाम रहा है और वे डीएमसी निकलकर आए इसलिए प्राइवेट व सरकारी डाक्टर उनके लगातार संपर्क में रहे। आपको ये भी बता दें कि डा. अजीत चावला का पूरा परिवार ही डाक्टरी पेशे से हैं। वे व उनकी पत्नी अब बस्ती जोधेवाल के समीप स्थित चावला नर्सिंग होम नाम से अस्पताल चला रहे हैं। उनके दो बेटे हैं, जिनमें एक बेटा लैपरोस्कोपिक सर्जन व दूसरा बेटा आर्थोपैडिक सर्जन हैं। जबकि दोनों ही बहुएं भी गाइनोलोजिस्ट हैं।
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Yashpal Sharma (Editor)