एजेंसी, पुणे देश के जानेमाने अभिनेता (Actor) और रंगकर्मी श्रीराम लागू (Shriram Lagoo) का 92 की वर्ष की उम्र में पुणे में निधन हो गया। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। लागू पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे।श्रीराम लागू मराठी थिएटर के मझे हुए कलाकार थे और वह पेशे से डॉक्टर थे। लागू ने अपने कैरियर में करीब 100 से ज्यादा हिंदी और 40 से ज्यादा मराठी फिल्मों में काम किया है। उन्होंने -आहट: एक अजीब कहानी-, -पिंजरा-, -मेरे साथ चल, -सामना-, -दौलत- जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया है। साल 1978 में फिल्म घरौंदा के लिए डॉ. लागू को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। मराठी थिएटर में मील का पत्थर कहा जाने वाला नाटक नट सम्राट में श्रीराम लागू ने जोरदार अभिनय किया था. इस नाटक को प्रसिद्ध लेखक कुसुमाग्र ने लिखा था। श्रीराम लागू के इस नाटक में अभिनय को आज भी सराहा जाता है. क्योंकि इसमें लागू ने अप्पासाहेब बेलवलकर की भूमिका निभाई थी. नाटक में लागू की भूमिका को देखने के बाद लोगों ने उन्हें नट सम्राट कहना शुरू कर दिया था। डॉक्टरी से थिएटर तक का सफर श्रीराम लागू 42 पेशे से नाक, कान, गले के सर्जन थे और उन्होंने 42 साल की उम्र में अभिनय को अपना पेशा बना लिया. लागू ने मुंबई और पुणे में पढ़ाई की, कैरियर के लिए उन्होंने मेडिकल को चुना। लागू को अभिनय में बचपन से ही रुचि थी, लिहाजा डॉक्टर बनने तक यह सिलसिला चलता रहा. यही कारण है कि मेडिकल की सेवाएं देने वह अफ़्रीका समेत कई देशों में गये। लेकिन मन एक्टिंग में ही अटका रहा। 42 साल की उम्र में थिएटर की दुनिया में कदम रखा लागू ने 42 साल की उम्र में थिएटर और फ़िल्मों की दुनिया में कदम रखा। साल 1969 में वह पूरी तरह से मराठी थिएटर से जुड़ गए। इसी क्रम में -नटसम्राट- नाटक में उन्होंने गणपत बेलवलकर की भूमिका निभाई, जिसे मराठी थिएटर के लिए मील का पत्थर माना जाता है । गणपत बेलवलकर का रोल करना इतना कठिन था कि इस रोल को करने के बाद बहुत सारे थिएटर एक्टर गंभीर रूप से बीमार पड़ गये थे। नटसम्राट में यह रोल करने के बाद डॉक्टर लागू को भी दिल का दौरा पड़ा था
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Yashpal Sharma (Editor)