पंजाब के नगर निगमों, विशेष रूप से अमृतसर, जालंधर और फगवाड़ा में नव-निर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम और मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर एवं डिप्टी मेयर के चुनावों में देरी हो सकती है। इन शहरों के नगर निगमों में मेयर और अन्य पदाधिकारियों का चुनाव चुने गए पार्षदों और विधायकों की हाउस मीटिंग के दौरान होता है। जिसे जालंधर रेंज के डिवीजनल कमिश्नर द्वारा आयोजित किया जाता है। डिवीज़नल कमिश्नर प्रदीप सभरवाल 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो चुके हैं, और अभी तक इस पद पर किसी नए आईएएस अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है। स्पष्ट है कि नए पार्षदों को शपथ लेने के लिए इस पद पर अधिकारी के आने का इंतजार करना होगा। वहीं, नियमों के अनुसार पार्षदों को चुने जाने के एक महीने के अंदर शपथ दिलानी होती है।
पंजाब सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों से चर्चा की, तो पता चला कि नए डिवीजनल कमिश्नर की नियुक्ति के लिए विचार-विमर्श जारी है। अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया कि जल्द ही इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति की जाएगी। ताकि चुनाव और शपथ ग्रहण प्रक्रिया सुचारु रूप से पूरी हो सके।
डिवीजनल कमिश्नर की गैर-मौजूदगी से शपथ ग्रहण समारोह और हाउस मीटिंग में देरी की संभावना बढ़ गई है। हाउस मीटिंग में ही मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव किया जाता है, जो नगर निगम की प्रशासनिक व्यवस्था के लिए आवश्यक है।
डिवीजनल कमिश्नर के देरी से जॉइन करने और पार्षदों को देरी से शपथ दिलाने का फायदा आम आदमी पार्टी उठा सकती है। हालांकि, पंजाब के अमृतसर में नए चुने गए पार्षदों में सबसे अधिक गिनती कांग्रेस के पास है। लेकिन कांग्रेस के पास अधिकतम पार्षदों के बाद भी बहुमत नहीं है।
वहीं, आम आदमी पार्टी के पास 24 पार्षद हैं। लेकिन पार्टी बहुमत तो नहीं, लेकिन सर्वाधिक पार्षदों को साथ जोड़ने के लिए गणित बैठाने में लगी हुई है। AAP अपना मेयर बनाने के लिए नवनियुक्त पार्षद उम्मीदवार अपनी पार्टी में जॉइन करवा रही है। बीते दिन 2 आजाद पार्षदों ने AAP का दामन थाम लिया है। जिसमें वार्ड नंबर 32 के आजाद पार्षद जगमीत सिंह घुल्ली और वार्ड नंबर 85 की पार्षद नताशा गिल के AAP जॉइन करने के बाद 7 विधायकों सहित संख्या 33 पहुंच गई है। लेकिन अभी भी बहुमत से 14 कदम दूर है।
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Yashpal Sharma (Editor)