पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के एलान के बाद सरकार ने मंगलवार को प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए एनओसी की शर्त खत्म करने संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दी है। लेकिन इस नोटिफिकेशन को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं । इस नोटिफिकेशन में पंजाब सरकार की ओर से आबादी देह एरिया का जिक्र करते हुए यहां पर किसी भी तरह की रजिस्ट्री बिना एनओसी करने का ऐलान किया गया है, जबकि इसके साथ-साथ कॉलोनी शब्द का इस्तेमाल करते हुए इस आबादी देह से बाहर रखा गया है। इस नोटिफिकेशन में साफ किया गया है कि यहां पर एनओसी की शर्त पहले की तरह रहेगी। लेकिन अब सवाल खड़े यह हो रहे हैं की आबादी देह एरिया में कौन सा एरिया आएगा और कौन से एरिया नहीं आएगा। इसे लेकर लोगों में भ्रम फैल रहा है। ऐसे में इस नोटिफिकेशन से अभी एनओसी का पेच पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और तहसील ऑफिस में बैठे तहसीलदार व सब रजिस्टार भी इस पेच का पूरा फायदा उठाते आगे दिखाई दे सकते हैं। वहीं दूसरी और कॉलोनाइजर भी इस एनओसी के फार्मूले से पूरी तरह से कुछ नहीं है और वह भी अपनी नई प्लानिंग तैयार कर रहे हैं जिसके तहत वे अपनी मांगों का एक ज्ञापन लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर को सौंपने जा रहे हैं। सीएम मान ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट कर बताया कि पंजाब में सभी तरह की रजिस्ट्रियों पर एनओसी की शर्त खत्म हो रही है। उन्होंने कहा है कि राज्य में अवैध कॉलोनी नहीं बनने देंगे। इसको लेकर सरकार काम कर रही है और काफी सख्त है इसके साथ ही मान सरकार ने कलर कोडिंग स्टांप पेपर सिस्टम शुरू किया है। दरअसल अब पंजाब में कोई भी कॉलोनाइजर ऐसे ही कॉलोनी नहीं स्थापित कर पाएगा, क्योंकि उसको कॉलोनी बनाने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से लागू लाल स्टंप को लेना होगा। कलर कोडिंग स्टांप पेपर लेने के लिए आवेदक को आवेदन करना होगा। फिर सरकार की तरफ से फायर, बिजली और प्रदूषण सहित सभी की मंजूरी मिलेगी तभी कोडिंग पेपर स्टांप जारी किया जाएगा। इससे कॉलोनी बनाने और प्लॉट खरीदने में आसानी हो जाएगी।
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Yashpal Sharma (Editor)