यशपाल शर्मा, लुधियाना
हैबोवाल कलां में चुहडपूर रोड पर करीब दस एकड़ सरकारी शामलाट जमीन पर कालोनी काटने का विवाद फिर से चर्चा में आता दिखाई दे रहा है और इस मामले में हैबोवाल से कांग्रेस के पूर्व कौंसलर व उनके भाई पर इस स्कैम को अंजाम देने के आरोप लगे हैं। बताया जाता है कि करीब छह साल पहले इस जमीन पर गोल्डन एवेन्यू नाम की इल्लीगल कालोनी को काटा गया और इसके बाद इस जमीन में लाखों रुपए की कीमत के सैंकड़ों प्लॉट पब्लिक को बेच दिए गए। ये स्कैम कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी उठा था, लेकिन मामला कांग्रेसी कौंसलर से जुड़ा था, इसलिए एक पूर्व मंत्री की सिफारिश पर इस पूरे स्कैम को दबा दिया गया और लुधियाना के पूर्व डीसी प्रदीप अग्रवाल व उनके बाद आए वरिंदर शर्मा ने भी इस फाइल को दबा सरकार के साथ हुए करोड़ों रुपए के फ्रॉड को दबा अपनी भूमिका भी सवालों के घेरे में ला खड़ी की। अब इस मामले में वाल्मीकि सेवक संघ के प्रधान विक्की सहोता व उनके साथी खुलकर सामने आ गए हैं और इस स्कैम की पड़ताल को वे आज डिप्टी कमिश्नर सुरभि अग्रवाल के पास पहुंचे, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी में उन्होंने एडीसी एडीसी गोतम जैन को मांगपत्र सौंपा। इस दौरान उन्होंने इस मामले में जमीन माफिया ( पूर्व पार्षद व उनके भाई ) और दो पटवारी जिनमें एक कानूनी की तरक्की पा चुका है, पर तुरंत एक्शन लेते हुए एफआईआर की मांग की है।
जानें, विक्की सहोता ने क्या बताया मीडिया को
वाल्मीकि समुदाय के नेता विक्की सहोता ने आरोप लगाया कि चुहड़पुर रोड पर एक पूर्व पार्षद व उसके भाई द्वारा पूर्व मंत्री की शह पर पटवारी व अन्य अधिकारियों की मिलीभुगत से पंचायत की शामलाट की 10 एकड़ जमीन धोखे से हड़पने और उस पर गोल्डन एवेन्यू कॉलोनी काट दी गई। उन्होंने बताया कि साल 2010 से पहले इस शामलाट जमीन पर विसाखा सिंह फसल की वाही करता था। सहोता मुताबिक कांग्रेस के पूर्व पार्षद व उसके भाई ने 2008-9 के दौरान खैंबट पर जाली इंतकाल व फर्द तैयार की। जिसके बाद 2011-12 में इस जमीन की मलकियत विसाखा सिंह के नाम पर कर दी। जिसके बाद जाली खसरा नंबर 168 डालकर खुद ही पटवारी के हस्ताक्षर कर लिए गए। 2017 में कांग्रेस सरकार आने पर उन्होंने सोची समझी साजिश के तहत पटवारी निर्मल सिंह चीमा और जसबीर सिंह को वहां तैनात किया और इसके लिए एक पूर्व मंत्री सहारा लिया गया। इस मिलीभगत से उक्त जमीन को पूर्व पार्षद और उसके भाई ने अपने नाम पर करवा ली। फिर वहां गोल्डन एवेन्यू कॉलोनी काट दी गई। 2019 में इस घोटाले का खुलासा हुआ। जिसकी जांच डीसी की और एसडीएम साउथ को दी। जांच में खुलासा हुआ कि दोनों पटवारियां ने मिलकर यह जाली दस्तावेज तैयार करवाए और पंचायत की जमीन तो पूर्व पार्षद व भाई के नाम पर करवाकर आगे बेचकर मोटी कमाई की गई है। जिसके बाद इस जांच में पटवारी जसबीर सिंह पर कार्रवाई की जगह तरक्की देते हुए कानूनगो बना दिया गया। सहोता का कहना है कि अब इस मामले में घोटाला साबित हो चुका है और राजनीतिक दबाव के कारण आगे एक्शन नहीं हो रहा। विक्की सहोता ने कहा कि एडीसी की और से तीन दिन में एक्शन लेने का वायदा किया गया है। यदि एक्शन न हुआ तो वह संघर्ष करेगें।