लुधियाना। पंजाब के फूडग्रेन टेंडर स्कैम मामले में सुप्रीम कोर्ट की और से बड़ा फैसला दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की और से खरीद एजेंसी पनसप के पूर्व लुधियाना जिला प्रबंधक जगनदीप सिंह ढिल्लों को अगली सुनवाई तक देश छोड़ने से रोक दिया है। वहीं, राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। डिवीजन बैंच के न्यायधीश जेके महेश्वरी और न्यायधीश सुधांशू धूलिया ने ये आदेश पंजाब चावल व्यापार सेल के संयोजक रोहित कुमार अग्रवाल की याचिका पर दिए हैं, जिसमें 18 सितंबर, 2023 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से ढिल्लों को मिली जमानत को चुनौती दी गई थी। जिला विजिलेंस ने एक बड़े घोटाले का खुलासा किया तो ढिल्लों ने धान और गेहूं के लिए मिलर्स और अनाज मंडियों को शिपमेंट टेंडर आवंटित करने के लिए लुधियाना टेंडर कमेटी बनाई थी। कमेटी पर आरोप है कि झूठे और मनगढ़ंत दस्तावेजों के आधार पर ठेका आवंटित किया गया था। ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों के नंबर तक बाइकों के थे।
रिश्वत लेने के लगे हैं आरोप
ढिल्लों पर लाखों रुपए रिश्वत लेने के आरोप हैं। पिछले सितंबर में ढिल्लों को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि यह निर्विवाद है कि याचिकाकर्ता पनसप का डीएम था न कि पनग्रेन का। शिकायतकर्ता शहर के सेलर मालिक रोहित अग्रवाल ने लंबे समय से गेहूं के स्टॉक के दुरुपयोग और अन्य गड़बड़ियों में लुधियाना के पूर्व डीएम, पनसप जगनदीप ढिल्लों की कथित संलिप्तता को उजागर कर रहे हैं।
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Yashpal Sharma (Editor)