लुधियाना। लुधियाना में सोमवार को ट्रांसपोर्टरों की और से RTA ऑफिस के बाहर धरना लगा दिया। उन्होंने आरटीए के खिलाफ नारेबाजी की गई। ट्रांसपोर्टरों ने आरोप लगाया कि ऑफिस में अंडर टेबल करप्शन चल रही है। प्रदर्शनकारियों ने पंजाब सरकार से आरटीए के तबादले की मांग की। ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि लुधियाना आरटीए की कार्यशैली बदतर है। आम सी बात हो गई है कि गाड़ी पास कराने और अन्य कामकाज के लिए तीन से चार महीने का इंतजार करना पड़ता है। अंडर टेबल करप्शन से काम जल्दी होता है। आरटीए की आईडी चेक की जाए सच्चाई सामने आ जाएगी कि कितने केस पेंडिंग हैं। टैक्स देने पर भी हाथ जोड़ करवाते है काम इस दौरान ट्रांसपोर्टर बोले कि वे टैक्स देते हैं और काम के लिए अफसरों के आगे हाथ जोड़ते हैं और फिर बेइज्जती भी करवाते हैं। एक ट्रांसपोर्टर ने कहा कि उनकी बस की अप्रूवल 4 सालों से पेंडिंग है। हर बार नया बहाना बनाया जाता है। अब वे इस मामले को लेकर अदालत जाएंगे। दफ्तर में बैठकर पास होती हैं गाड़ियां ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि जब उनके काम की बात आती है तो बोला जाता है कि हर काम प्रक्रिया में होगा। लेकिन जब अन्य गाड़ियां दफ्तर में बैठकर पास कर दी जाती हैं तो उस समय प्रक्रिया कहां होती है। गाड़ी पास करने से पहले इसे बोर्ड के सदस्य जाकर चेक करते हैं। बोर्ड सदस्यों में आरटीए भी शामिल है। लेकिन आज तक मौके पर जाकर कभी गाड़ी नहीं देखी गई। ऑब्जेक्शन की फाइलें पेडिंग RTA डॉ. पूनमप्रीत कौर ने कहा कि अगर किसी केस में ऑब्जेक्शन है और उसे क्लियर नहीं किया गया है वो ही पेंडेंसी है। बाकी सभी काम कायदे कानून से हो रहे हैं। सरकार की पॉलिसी मुताबिक ट्रांसपोर्ट विभाग काम कर रहा है। कुछ लोग एजेंट बने हुए हैं और आवेदकों से ज्यादा पैसे वसूलते हैं। ऐसे लोगों पर शिकंजा कसा गया है। करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस है और आम जनता कामकाज से संतुष्ट है।
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Yashpal Sharma (Editor)