ढिल्लों और चावला ग्रुप पर इनकम टैक्स के इंवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट की ओर से करीब तीन महीने पहले की गई छापामारी के बाद अब इनसे प्रॉपर्टी व इंट्रेस्ट पर पैसा लेने वाले सैकेंड़ों लोगों को इंकम टैक्स के नोटिस पहुंचने शुरु हो गए हैं। इसके साथ साथ इंकम टैक्स की ओर से लुधियाना रेवेन्यू डिपार्टमेंट को भी नोटिस जारी कर इनके पारिवारिक मैंबरों की प्रॉपर्टी का ब्यौरा देने को कहा हैं। डिपार्टमेंट ये ब्यौरा लुधियाना के ईस्ट, वेस्ट व साउथ रजिस्ट्रार आफिस से जुटाएगा। बताया जाता है कि ढिल्लों ग्रुप की लुधियाना के अलावा पंजाब के अन्य हिस्सों में तो प्रॉपर्टी का ब्यौरा जुटाया ही जा रहा है, इसके साथ साथ उनकी अमेरिका में खरीदी प्रॉपर्टी का भी ब्यौरा जुटाया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण को देखा जाए तो ढिल्लों व चावला ग्रुप के ट्रांसपोर्ट, शराब व फाइनांस के कारोबार को लेकर उन्हें सरकारी विभाग घेरते दिखाई दे रहे हैं। कागजी तौर पर ये ग्रुप कितने मजबूत है, ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। गौर हो कि 3 महीने पहले ढिल्लो ग्रुप पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से टैक्स चोरी को लेकर बड़ी छापामारी की गई थी। इस दौरान कंपनी मालिक नामी कारोबारी जसवीर सिंह ढिल्लो, चरण सिंह ढिल्लों व योगेश्वर ढिल्लों के विभिन्न ठिकानों पर रेड हुई थी। तब इनके यहां से करोड़ों का कैश और सैकड़ों प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री व एग्रीमेंट पकड़ में आए थे। लेकिन वहीं अब हाईकोर्ट में दायर केस ने इनकी मुश्किलों को ओर बढ़ाकर रख दिया है। इसका बड़ा कारण इन ग्रुप के पूरे देश में फैले धंधे पर अब इंकम टैक्स के साथ साथ ईडी व सीबीआई की भी नजरें आ टिकी हैं। ईडी और सीबीआई की ओर से अगले दो से ढ़ाई महीने में इनको कारोबार में क्या गलत है और क्या सही है, इसकी पूरी लिखित रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल करनी है। बड़ी बात है ढिल्लों ग्रुप को बहुत से लोग कलकत्ता ट्रांसपोर्ट व लोहारा ब्रदर्स के नाम से भी जानते हैं और इनमें चरणजीत सिंह लोहारा का नाम पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी कत्ल केस से जुड़ी कडियों में सामने आया था और इसके चलते उसे कुछ साल जेल में भी बिताने पडे़ थे। वे आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रधान भी है। चरण सिंह लोहारा पंजाब ट्रांसपोर्ट के चेयरमैन भी रह चुके है। वहीं बात करें चावला ग्रुप की तो इंकमटैक्स की ओर से ढिल्लों ग्रुप पर हुई रैड के बाद ही वे भी राड़ार पर आ गए थे। ढिल्लों व चावला के बीच में करोड़ों का लेनदेन व दस्तावेज इंकमटैक्स की पकड़ में आने के बाद अब ये पूरी इंवेस्टीगेशन दोनों को साथ साथ लेकर चल रही है। चावला ग्रुप का भी अप मनी नाम की फाइनांस कंपनी है और इसके भी देशभर में आफिस में हैं।
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वहीं दूसरी ओर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इन्वेस्टिगेशन विंग की ओर से ढिल्लों ग्रुप से जुड़े सैकड़ो लोगों को नोटिस जारी कर उनकी भी नीदें उड़ा दी हैं। बताया जाता है कि जो लोग अभी तक इंकम टैक्स किचलू नगर आफिस नहीं पहुंचे हैं, उन्हें तीसरा नोटिस तक जारी किया जा चुका है। इस नोटिस में साफ किया गया है कि वह ढिल्लों ग्रुप से संबंधित दस्तावेज और अपनी मेनटेंन की जाने वाली बुक भी साथ लेकर आएं। बताया जाता है इंकमटैक्स डिपार्टमेंट के पास जो रजिस्ट्रियां हाथ लगी हैं, उक्त प्रॉपर्टी खरीद डेट से लेकर इसकी 40 फीसदी मार्केट वेल्यू निकाल कर उस पर दो फीसदी इंट्रेस्ट का लेखा जोखा लगाया जा रहा है। इस लिहाज से हाईकोर्ट में याचिककर्ता की ओर से इस पूरे मामले में 8 हजार करोड़ का गोलमाल बताया गया है, लेकिन अगर प्रॉपर्टी के खरीद डेट से इस पर दो फीसदी इंट्रेस्ट का फार्मूला लगाकर इससे दो फीसदी इंट्रेस्ट की आमदन को गिन लिया जाता है तो ये मामला कईं सौ करोड़ तक पहुंच सकता है। सूत्र बताते हैं कि ढिल्लों ग्रुप के फाइनांस के धंधे में जरुरतमंद की प्रॉपर्टी की 40 फीसदी वेल्यू के लिहाज से रजिस्ट्री करवा ली जाती है और इसके साथ ही लाखों का फाइनांस दो परसेंट इंट्रेस्ट काटकर जरुरतमंद को दे दिया जाता है। अब ऐसे में जिन लोगों को इंकम टैक्स नोटिस देकर बुला रही है और अगर वे ये सब कुछ सच सच बता देते हैं तो ढिल्लों ग्रुप की मुश्किल बढ़नी तय है। ढिल्लों के पास साउथ सिटी, साउर्दन बाइपास के पास कईं बड़ी प्रॉपर्टीज बताई जाती हैं।
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Yashpal Sharma (Editor)