अमृतसर। तख्त सचखंड श्री हजूर अबचलनगर साहिब नांदेड़ संशोधन एक्ट के खिलाफ संगत और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ डट गई है। नांदेड़ गुरुद्वारे से रोष मार्च नांदेड़ डीसी कार्यालय के लिए रवाना हो गया है। रोष प्रदर्शन में भाग लेने के लिए SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी भी नांदेड़ पहुंचे हैं। SGPC प्रधान एडवोकेट धामी के नेतृत्व में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और शिरोमणि अकाली दल का एक प्रतिनिधिमंडल नांदेड़ पहुंच गया है। श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह के स्थान पर श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुलतान सिंह भी नांदेड़ पहुंचे हैं। नांदेड़ सिख गुरुद्वारा सचखंड श्री हजूर अबचलनगर साहिब अधिनियम में संशोधन करने के महाराष्ट्र सरकार के हालिया कैबिनेट फैसले के खिलाफ ये रोष मार्च संगत द्वारा आयोजित किया गया है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में एसजीपीसी महासचिव राजिंदर सिंह मेहता, एसजीपीसी सदस्य अजमेर सिंह खेड़ा, शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा और एसजीपीसी अध्यक्ष के ओएसडी सतबीर सिंह धामी शामिल हैं। क्या है विवाद महाराष्ट्र सरकार ने तख्त श्री हजूर साहिब प्रबंधक बोर्ड नांदेड अधिनियम में संशोधन किया है। इसमें मनोनीत सदस्यों की संख्या को बढ़ा दिया गया है। वहीं, प्रबंधकीय बोर्ड में एसजीपीसी के चार सदस्यों से संख्या घटाकर दो कर दी गई है। मौजूदा बोर्ड में कुल सदस्यों की संख्या 17 होगी। इनमें 12 सदस्य सरकार मनोनीत करेगी। वहीं, दो सदस्य SGPC से मनोनीत होंगे। अन्य तीन सदस्यों का चयन चुनाव प्रक्रिया से होगा। पहले सरकार से मनोनीत होने वाले सदस्यों की संख्या सात थी। इसके साथ ही सिख संस्था चीफ खालसा दीवान से सदस्य मनोनीत करने का अधिकार भी ले लिया गया है।
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Yashpal Sharma (Editor)