July 27, 2024 12:47:16

मामला चाइना गारमेंट इंपोर्ट का- किसानों की तर्ज पर अब कारोबारी भी चलाएंगे रेल रोको अभियान

Feb21,2024 | Yashpal Sharma | Ludhiana

मामला चाइना गारमेंट चीन से आने वाले गारमेंट देश की कपड़ा इंडस्ट्री के लिए बड़ी दिक्कत का कारण बनते दिखाई दे रहे हैं। चीन से आ रहे अंडर वैल्यू गारमेंट पर लगाम लगाने को कपड़ा और डाइंग कारोबारियों ने मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है और अगर उनकी सुनवाई नहीं होती तो 1 मार्च को किसानों की तर्ज पर अब कारोबारी भी रेल रोको अभियान की शुरुआत करते नजर आएंगे। कारोबारियों ने इसके लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि गारमेंट्स पर मिनिमम इंपोर्ट प्राइस फिक्स की जाए, ताकि घरेलू बाजार में अंडर इनवॉइस मटेरियल लाकर भारतीय इंडस्ट्री को नुकसान न पहुंचाया जाए। कारोबारियों ने केन्द्र सरकार से चीन और बंगलादेश से अंडर इनवायस हो रही इंपोर्ट को रोकने के लिए मिनिमम इंपोर्ट प्राइज को सख्ती से लागू करवाने की मांग है और इसके लिए कड़े फैंसले लेने की मांग की है। ऐसा न होने की सूरत में कारोबारियों की ओर से एक मार्च को रेल रोको सहित आंदोलन को तेज किया जाएगा। एक मार्च को कारोबारी सुबह 9 से दोपहर एक बजे तक अपने वर्करों को साथ लेकर बंद रखेंगे और रेल ट्रैक को जाम करेंगे। यह घोषणा कारोबारियों ने बुधवार को सतलुज क्लब में आयोजित संयुक्त बैठक के दौरान कही। इस दौरान कारोबारियों ने शपथ खाई कि न तो वे चीन एवं बंगलादेश का माल खरीदेंगे और न ही बेचेंगे। इसके साथ ही इसके लिए सभी को जागरूक करेंगे। कारोबारी तरूण जैन बावा एवं बाबी जिन्दल ने कहा कि अभी तक भारत सरकार ने कपड़े पर मिनिमम इंपोर्ट प्राइस तय नहीं किया है। जिसके कारण 10 लाख किलो कपड़ा रोजाना अंडर इनवॉइस में भारत में आ रहा है। कपड़े का कम से कम रेट 225 रुपए किलो है, जबकि यह कस्टम में सिर्फ 50 -60 रुपए प्रति किलो में क्लीयर हो रहा है। जिसके कारण 200 करोड़ की कस्टम ड्यूटी का भारत सरकार को हर महीने नुकसान हो रहा है। चीन से आ रहे अंडर इनवॉइस के कपड़े के कारण भारत के व्यापारी भी ठीक ढंग से काम नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि भारत में पूरा जीएसटी देना पड़ता हैं। चीन का कपड़ा बिक रहा है और यहां के कपड़ा मिले बंद पड़ी है और लाखों लोग बेरोजगार हो रहे हैं। कपड़े पर मिनिमम इंपोर्ट प्राइस को भारत सरकार को तय करना चाहिए। भारत सरकार चीन से आ रहे अंदर वैल्यू के कपड़े को लेकर और एमएसएमई इंडस्ट्रीज द्वारा 45 दिन की पेमेंट की शर्त को लेकर कपड़ा और टेक्सटाइल इंडस्ट्री की बात नहीं सुन रही है। जिसके कारण कपड़ा और टेक्सटाइल इंडस्ट्री बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। सभी संगठनों ने अपने-अपने स्तर पर अपनी बात ऊपर तक पहुंचाने के लिए काफी प्रयास किया लेकिन असफल रहे। टेक्सटाइल इंडस्ट्री की बात मोदी जी के कानो तक पहुंचाने के लिए 1 मार्च को 1 लाख कपड़ा और होजरी व्यापारी मिलकर दिल्ली जाने वाली रेलवे लाइन पर सुबह 11:00 बजे से 1:00 बजे तक धरना देंगे। इस दौरान तरूण जैन बावा, बाबी जिन्दल, दर्शन डावर, अजीत लाकड़ा, मनिंदर बेदी, संजू धीर, राहुल वर्मा, सतीश लखनपाल सहित भारी संख्या में कारोबारी शामिल हुए।

Case-Of-China-Garment-Import-Now-Businessmen-Will-Also-Run-Rail-Roko-Campaign-On-The-Lines-Of-Farmers




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