चंडीगढ़। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एक्सपोर्ट कारपोरेशन (पीएसआईईसी) के औद्योगिक प्लॉट की अलॉटमेंट में हुए घोटाले के एक आरोपी को काबू किया है। आरोपी की पहचान अवतार सिंह निवासी मॉडल टाउन, लुधियाना के रूप में हुई है। उसने सरकारी खजाने को सीधा 1 करोड़ 52 लाख 79 हजार रुपए का नुकसान पहुंचाया है। इस संबंध में मार्च माह में ही मोहाली फ्लाइंग स्क्वायड ने भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। अवतार सिंह और उसका बेटा दमनप्रीत सिंह जो कि औद्योगिक प्लाटों की खरीद फरोख्त का कारोबार करते हैं। उन्होंने सीजीएम सुरिंदरपाल सिंह और जीएम जेएस रंधावा के साथ मिल कर फेज-8बी इंडस्ट्रियल एरिया मोहाली में पीएसआईईसी के 1389 वर्ग गज के प्लाट नंबर ई- 261 को मैसर्स सुखमनी इंटरप्राइजेज के नाम पर अलॉट करने में धोखाधड़ी की। दमनप्रीत सिंह के नाम पर चंडीगढ़ स्थित फर्जी पते का प्रयोग कर केवल 1265 प्रति वर्ग गज कीमत पर तारीख 13. 07. 2004 को उक्त प्लाट हासिल किया था। पीएसआईईसी के नियमों और अलॉटमेंट पत्र के अनुसार, यदि अलाटमेंट के तीन महीनों के अंदर- अंदर अलाटी (खरीदने वाले) द्वारा कुल रकम का 30 प्रतिशत भुगतान नहीं किया जाता तो प्लॉट की अलॉटमेंट रद्द कर दी जानी चाहिए थी, लेकिन इस केस में ऐसा नहीं किया गया। इसके अलावा अवतार सिंह ने शुरुआती 10 फीसदी बयाना की रकम संचित करने के बाद पीएसआईईसी को अन्य कोई रकम संचित नहीं करवाई। इसके अलावा इस प्लाट की अलॉटमेंट की तारीख को बार- बार बदला गया। अवतार सिंह ने जीएम जेएस रंधावा और सीजेएम सुरिन्दरपाल सिंह की मिलीभगत के साथ यह प्लॉट 2016 में असली ख़रीद रेट 1265 प्रति वर्ग गज़ पर आगे बेच दिया था, जबकि 2013 में इसकी कीमत 11, 000 प्रति वर्ग गज थी। केस की जांच में पता लगा है कि पीएसआईईसी अधिकारियों/ कर्मचारियों और एक प्रॉपर्टी डीलर अवतार सिंह ने सरकारी खजाने को सीधे तौर पर 15279000 रुपए का नुकसान पहुंचाया।
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Yashpal Sharma (Editor)