यशपाल शर्मा, लुधियाना
देश में लगातार बढ़ते चाइनीज गारमेंट एक्सपोर्ट ने भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री के मेक इन इंडिया के सपने को चूर चूर करना शुरु कर दिया है। जिसका नतीजा है कि पंजाब भर में टैक्सटाइल इंडस्ट्री के कारोबार में 50 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है और बहुत सी टेक्सटाइल इंडस्ट्री दम भी तोड़ चुकी है। इसी अहम मुददे को लेकर आज लुधियाना में स्वदेशी व्यापार एसोसिएशन के बैनर तले शहर के डाइंग व कपड़ा कारोबारी चाइना गारमेंट के एक्सपोर्ट पर शिकंजा कसने की मांग करते नजर आए। इस प्रेसवार्ता में कारोबारियों ने खुलासा करते बताया कि विभिन्न तरह के कपड़े की एक्सपोर्ट में अंडर बिलिंग के जरिए बेहद सस्ते में चाइनीज कपड़ा भारत में लाया जा रहा है और इसके चलते देश भर की कपड़ा इंडस्ट्री बेहद संकट के दौर से गुजर रही है और इस अंडर बिलिंग के चलते जीएसटी, इंकम टैक्स व अन्य विभागों को भी सालाना 7 हजार करोड़ तक का चूना लगाया जा रहा है। इस प्रेसवार्ता की अगुवाई में स्वदेशी व्यापार एसोसिएशन के चेयरमैन रमणीक भाटिया, प्रधान उमेश शर्मा और महासचिव रवि चर्तेुेवेदी ने की। जबकि शहर के अहम टेक्सटाइल कारोबारियों में सुभाष सैनी, ललित जैन, रजनीश गुप्ता, राहुल वर्मा, अमित अवस्थी व अन्य मौजूद थे।
इन अवसर पर रमणीक भाटिया ने बताया कि चाइना से सस्ता कपड़ा लाने व जीएसटी से बचने को गलत एचएसएन कोड का इस्तेमाल अंडर-इनवॉयसिंग और एक एचएसएन कोड की आड़ में दूसरे एचएसएन कोड का आयात करना शामिल है, जो सभी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बन गया है।
कपड़ा उद्योग इस समय देश में सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है और 45 मिलियन से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है, इन अनुचित व्यापार प्रथाओं के कारण भारी चुनौतियों का सामना कर रहा है। कर और शुल्क से बचकर देश में आने वाले सस्ते चीनी कपड़ों की आमद से घरेलू प्रोडेक्शन इंडस्ट्री के कंपीटिशन को कमजोर कर दिया है और अर्थव्यवस्था की नींव को खतरे में डाल दिया है। इस अवसर पर एकता डाइंग के एमड़ी सुभाष सैनी ने कहा कि निटिंग व एग्रीक्लचर ऐसी इंडस्ट्री है, जो सरकार के सहयोग बिना खड़ी नहीं हो सकती। ऐसे में सरकार को इस इंडस्ट्री पर चाइनीज गारमेंट एक्सपोर्ट जो चार साल में करीब दोगुना हो चुका है, को लगाम लगाने को टैक्स प्रणाली व कईं अन्य तरह के बदलाव करने जरुरी हैं।
इस अहम मुददे को लेकर लुधियाना होजरी डाइंग एंड टेक्सटाइल एसोसिएशन स्वदेशी व्यापार एसोसिएशन के सहयोग से छह सांसदों को भी मिल अपना पक्ष रख चुकी है। इन सांसदों की ओर से उपस्थित कारोबारियों को आश्वासन दिया कि इस मामले को जल्द सुलझाया जाएगा और आगे की कार्रवाई के लिए सभी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंप दी जाएंगी। इसके अलावा, इस मुद्दे को संसद में भी उठाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रधान मंत्री और संबंधित अधिकारियों को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उत्पन्न खतरे से अवगत कराया जाए।
इस दौरान कारोबारियों ने चीनी बुने हुए (knitted) कपड़े के अवैध और कम मूल्य वाले आयात को कम करने के लिए बुने हुए (knitted) कपड़ों पर सीमा शुल्क को बुने हुए (woven) कपड़ों के बराबर करने का प्रस्ताव भी दिया। इस अवसर पर स्वदेशी व्यापार एसोसिएशन, पंजाब डायर्स एसोसिएशन (40 एमएलडी), पंजाब डायर्स एसोसिएशन (50 एमएलड़ी), बहादुर के टेक्सटाइल एंड निटवियर एसोसिएशन, नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन और लुधियाना निटर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद थे।
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Yashpal Sharma (Editor)