यशपाल शर्मा, लुधियाना। चंडीगढ़ रोड पर मुंडिया कला के नजदीक बनाए जा रहे वर्धमान पार्क का निर्माण विवादों में घिरता दिखाई दे रहा है। यह पूरा मामला पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है और इस मामले में कोर्ट की ओर से पंजाब सरकार सहित कई अन्य को नोटिस जारी किया गया है। यह पूरा विवाद इंडस्ट्री लगाने को दी गई जमीन पर रिहायशी प्रोजेक्ट लाने और कमर्शियल निर्माण करने को लेकर खड़ा हुआ है। जिसे लेकर रविंद्र कटारिया ने एडवोकेट दीपक अरोरा के जरिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गौर हो कि ये पूरा मामला सरकारी कागजों में भी पिछले करीब 6 महीने से लगातार सुर्खियों में है । इस मामले में पहले से नगर निगम के दो एटीपी स्तर के अफसर सस्पेंड किये जा चुके हैं। यह कार्रवाई भी गलत ढंग से इस जमीन पर सीएलयू देने को लेकर की गई है । गौर हो कि नगर निगम की मंजूरी बिना और बिल्डिंग बाय लॉज का उल्लंघन करते हुए के 22 के करीब कमर्शियल शॉप तैयार कर दी गई । इसके आगे पूरा पार्किंग एरिया ना होने को लेकर यह मामला नगर निगम से लेकर लोकल गवर्नमेंट के पास चल रहा है। नियमों के तहत इस पार्किंग एरिया को पूरा करने के लिए दो कमर्शियल शॉप को गिरना बनता है, जिसे अभी तक नही गिराया गया है। लेकिन कंपनी के पदाधिकारी अपने रसूक का इस्तेमाल कर बिना इलीगल कमर्शियल निर्माण को तोड़े अपने नए प्लान को मंजूर करवाने की बाते भी सामने आ रही है। जिसमें नगर निगम कमिश्नर का भी अहम रोल बताया जा रहा है। हालांकि अब यह मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया है। इस मामले के हाईकोर्ट पहुंचने से अब इस पूरे प्रोजेक्ट पर ही ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है। आखिर किन दस्तावेजों के तहत कंपनी की ओर से इंडस्ट्री को दी गई जमीन पर रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट लाने की तैयारी की गई है। अब इसमें नगर निगम के भी कई अधिकारियों की गर्दने फसनी तह है। जाने क्यों खड़ा हुआ यह पूरा विवाद करीब तीन दशक पहले पंजाब सरकार की ओर से वर्धमान एंड महावीर स्पिनिंग जनरल मिल्स को 60 एकड़ जमीन इंडस्ट्री लगाने को अलॉट की गई थी, हालांकि इसको बाद में ये जमीन बढ़कर 68 एकड़ दिया गया और मौके पर कब्जा 71 एकड़ का लिया गया। इसके बाद यहां पर कोई इंडस्ट्री तो नहीं लगी। बताया जाता है कि तब पंजाब सरकार ने इंडस्ट्री को प्रफुलित करने के लिए बड़े सस्ते दामों में यह जमीन वर्धमान स्पिनिंग मिल को अलॉट की थी। लेकिन अब स्थानीय जमीनों के दाम आसमान छूने के चलते इस जमीन पर रिहायशी प्रोजेक्ट लाकर अरबों कमाने का प्लान किया गया। पिछले करीब 1 साल से इस जमीन पर वर्धमान पार्क के नाम से एक प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। बताया जाता है कि इस प्रोजेक्ट को करीब 20 एकड़ जमीन में लाया जा रहा है जो की नियमों के अनुरूप नहीं बताया जा रहा। नियमों के तहत इस जमीन पर इंडस्ट्री ही लगाई जानी थी लेकिन समय रहते और अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए अंदर खाते कागजों में बदलाव कर कुछ मंजूरिया भी ले ली गई, लेकिन अब यह मामला हाईकोर्ट में है इसलिए किस तरह से इंडस्ट्री लाने को दी गई जमीन पर रिहायशी प्रोजेक्ट लाया जा रहा है और इसके लिए मंजूरी देने वाले पंजाब सरकार के विभिन्न डिपार्टमेंट के अधिकारियों की भी जवाब तलबी होनी तय है।