July 27, 2024 09:38:39

अस्पतालों में नहीं रख सकते मृतक मरीज का शव, नहीं तो होगी एफआईआर - सांसद संजीव अरोड़ा

Mar11,2023 | Enews Team | Ludhiana

लुधियाना। आम आदमी पार्टी के सांसद और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर पार्लियामेंट्री एडहॉक कमेटी सदस्य संजीव अरोड़ा ने जनता के बीच जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया है कि मरीजों के अधिकारों के चार्टर के अनुसार, लोगों को यह अधिकार है कि अगर किसी मृतक का अस्पताल का बिल नहीं चुकाया जाता है, तो भी अस्पताल द्वारा शव को बंधक नहीं बनाया जा सकता है। अरोड़ा ने कहा कि देश में यह अधिकार होने के बावजूद भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा, "मैं सभी जिलों के प्रशासन को सलाह देता हूं कि नागरिकों को इस अधिकार के बारे में पता होना चाहिए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।" अस्पताल कोई भी कारण बता नहीं रख सकते शव अरोड़ा ने कहा कि इस संबंध में एक प्रश्न हाल ही में हरियाणा के उनके सहयोगी कार्तिकेय शर्मा, सांसद (राज्यसभा) द्वारा हाल ही में हुए राज्यसभा सत्र में उठाया गया था। जवाब में, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने जवाब दिया था कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) एक्ट, 2010 के अंतर्गत एक वैधानिक संस्था नेशनल कौंसिल फॉर क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स, द्वारा स्वीकृत द पेशेंट्स राइट्स चार्टर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है। उक्त चार्टर के दिशा-निर्देशों के अनुसार, अस्पतालों द्वारा किसी भी कारण से किसी रोगी के मृत शरीर को देने से इनकार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त चार्टर को अपनाने और लागू करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया है। सभी अस्पतालों में लगेगें मरीजों के नियमों के चार्ज सांसद संजीव अरोड़ा ने कहा कि वह सभी जिलों के प्रशासन से यह सुनिश्चित करने के लिए कहेंगे कि चार्टर ऑफ़ पेशेंट्स राइट्स एंड रेस्पॉन्सिबिलिटीज़ (जैसा कि नेशनल कौंसिल फॉर क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट्स द्वारा अप्रूव और 23 अगस्त 2021 को अपडेट किया गया है) सभी अस्पतालों में ठीक से प्रदर्शित किया जाये ताकि राज्य भर के अस्पतालों द्वारा मरीजों के अधिकार का कोई उल्लंघन न हो । उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वह इस संबंध में जन जागरूकता पैदा करने में हर तरह की मदद करने के लिए तैयार हैं। अरोड़ा ने कहा, मरीज के शव को रोक लेना मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। भारतीय संविधान में निहित अधिकारों के बावजूद, अस्पताल अक्सर बिलों का भुगतान न करने पर मृत व्यक्ति के शरीर को बंधक बना लेते हैं। यह प्रथा न केवल अवैध है, बल्कि यह बड़े पैमाने पर जनता के लिए पूरी तरह से बर्बर और अत्याचारी भी है।

Dead Body Cannot Be Kept In Hospitals Otherwise Fir Will Be Lodged Mp Sanjeev Arora




WebHead

Trending News

लुधियाना का सबसे बड़ा एलिवेटेड रोड आज हुआ शुरू, 756 करोड़ की आई लागत

लुधियाना के कारोबारियों ने यूपी सीएम योगी से मीटिंग कर दिया 235000 करोड के निवेश

कॉलेज रोड पर पुलिस ने पकड़ा हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट, 6 महिलाएं काबू

लुधियाना के यलो चिल्ली होटल के कमरा नंबर 206 में छापामारी, जुआ खेलते मालिक सहित

डीएमसी की नई मैनेजमेंट ने जारी किया फरमान, 1 जनवरी से डाक्टर घर पर नहीं कर सकेंग

About Us


Sahi Soch Sahi Khabar

Yashpal Sharma (Editor)

We are Social


Address


E News Punjab
EVERSHINE BUILDING MALL ROAD LUDHIANA-141001
Mobile: +91 9814200750
Email: enewspb@gmail.com

Copyright E News Punjab | 2023