पंजाब। अमेरिका से कल (5 फरवरी) जिन 30 पंजाबियों को डिपोर्ट किया गया, वे डंकी रूट से US पहुंचे थे। इसके लिए उन्होंने 40 से 50 लाख तक खर्च किए। किसी ने जमीन-गहने बेचे तो किसी ने मोटे ब्याज पर लाखों का कर्ज लिया। परिवार को उम्मीद थी कि अमेरिका पहुंचने के बाद उनके हालात बदल जाएंगे। कर्जा भी चुका देंगे। जमीन भी खरीद लेंगे। मगर, अचानक अमेरिकी सरकार ने उन्हें डिपोर्ट कर दिया। हालांकि, परिजनों को इस बात का दिलासा है कि बच्चे अपने घर लौट आए हैं। मगर, अब खाएंगे क्या, कर्ज कैसे चुकाएंगे? ऐसी कई चिंताएं उन्हें खाए जा रही हैं। प्रदीप मोहाली में डेराबस्सी के गांव जड़ौत का है। वह डंकी रूट से अमेरिका गया। मां नरिंदर कौर कहती हैं- 41 लाख रुपए लगे। एक एकड़ जमीन बेची, कुछ कर्ज लिया। 15 दिन पहले वह अमेरिका पहुंचा। एजेंट ने कहा था, सब लीगल है। प्रदीप कहता था- घर बना लेंगे, बड़ी गाड़ी लेंगे। अब अचानक उसे वापस भेज दिया। पिता पहले से ही डिप्रेशन के मरीज हैं। कर्ज और जमीन बेचने से घर की हालत और बिगड़ गई है। हालत अब ऐसी हो गई कि नमक से भी खाना नहीं खा पाएंगे। समझ नहीं आ रहा है कि परिवार कर्ज कैसे भरेगा। CM भगवंत मान हमारी मदद करें।
42 लाख कर्ज लेकर भेजा विदेश
होशियारपुर के हरविंदर सिंह गांव में खेती करते थे। जमीन थोड़ी थी। उससे 2 भाईयों का परिवार पलता था। बच्चे बड़े हो रहे थे। खर्चा बढ़ रहा था। ऐसे में हरविंदर ने डंकी रूट से अमेरिका जाने की राह चुनी। पत्नी कुलविंदर कौर कहती हैं- 10 महीने पहले डंकी के जरिए अमेरिका के लिए निकले। 42 लाख कर्ज लिया। अमेरिका पहुंचने तक रोज फोन करते थे। रास्ते का वीडियो शेयर करते थे। 15 जनवरी से संपर्क में नहीं थे। कभी सोचा तक नहीं था कि ऐसे वापस भेज दिया जाएगा। एजेंट अब फोन नहीं उठा रहे। घर में 12 साल की बेटी, 13 साल का बेटा है। अब हम क्या करेंगे?
मुसीबतों का पहाड़ टूटा
गुरदासपुर के फतेहगढ़ चूड़ियां का जसपाल सिंह 6 महीने पहले डंकी रूट से अमेरिका के लिए निकला था। 13 दिन पहले ही वह अमेरिका में दाखिल हुआ था। परिवार ने उसे अमेरिका तक पहुंचाने के लिए लाखों रुपए खर्च किए। उम्मीद थी कि उसके वहां पर जाते ही किस्मत बदलेगी। मगर, परिवार पर अब मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। घर में पत्नी और 2 छोटे बच्चे हैं। जसपाल के पिता का कुछ समय पहले ही निधन हो चुका है। बेटा तो सकुशल आ गया, लेकिन अब आगे क्या, इसका कोई जवाब नहीं मिल रहा।
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Yashpal Sharma (Editor)