लाखों रुपए की पगड़ी जेब में ड़ालने को अब बिल्डिंग बॉयलाज की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पहले शास्त्री नगर और अब माडल टाउन एक्सटेंशन में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ओर से अलॉट की गई जमीन पर नाजायज ढंग से दुकान निकाल ली गई। ये दुकान माडल टाउन एक्सटेंशन स्थित श्री कृष्णा मंदिर में बने बाथरुम की जगह को शटर लगा दुकान में तबदील कर दिया गया। ये दुकान श्री कृष्णामंदिर के बैक साइड में टयूशन सेंटर वाली मार्केट की तरफ निकाली गई है। हालांकि जब इसकी शिकायत निगम के पास पहुंची तो इस दुकान को सील कर दिया गया। बड़ी बात है कि ऐसा ही कारनामा एक सप्ताह पहले शास्त्री नगर चैरीटेबल एंड वेलफेयर ट्रस्ट को शास्त्री नगर में अलॉट जगह पर भी नाजायज दुकान बनाकर अंजाम दिया गया था। हालांकि ये दुकान भी निगम ने सील कर दी थी। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के ईओ की ओर से भी निगम कमिश्नर को पत्र लिख ये साफ कर दिया गया था कि ये जमीन शास्त्री नगर चैरीटेबल एंड वेलफेयर ट्रस्ट को अलॉट की गई है और कुछ लोगों की ओर से नाजायज तौर पर दुकानें बनाई जा रही हैं। इस पत्र के जरिए ट्रस्ट ने निगम कमिश्नर से इस दुकान पर बनती कार्रवाई करने को कहा था। बताया जाता है कि इन दुकानों को किराये पर देकर लाखों रुपए की पगड़ी जेब में डालने के चक्कर में इस ट्रस्ट के फाउंडर व मौजूदा ट्रस्टी केपी गौंसांई की ओर से इन दोनों मामलों को अंजाम दिए जाने की बातें निकल कर सामने आ रही हैं। बड़ी बात है कि कुछ समय पहले भी श्री कृष्णा मंदिर की बैक साइड में नाजायज ढंग से गेट निकाला गया था और ये भी विवादों में आया था। बताया जाता है कि अब भी ये ट्रस्टी अपने रसूख का इस्तेमाल कर इन दुकानों की सील निगम से खुलवाकर इन्हें किराये पर देने की प्लानिंग में हैं। गौर हो कि इस ट्रस्ट के कुल 15 ट्रस्टी में से 10 ट्रस्टी मर चुके हैं और दो लुधियाना से बाहर किसी अन्य राज्य में रहने लगे हैं। जबकि ये फाउंडर ट्रस्टी नियम कानून की परवाह किए बिना ये पूरा खेला कर रहा है। गौर हो कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने उक्त ट्रस्ट को माडल टाउन एक्सटेंशन पार्ट 2 में ये 4453 गज जमीन मात्र 50 रुपए गज में अलॉट की थी और अब अधिकतर ट्रस्टियों के मरने व बाकी कुछ के एक्टिव न होने चलते रहते सहते ट्रस्टी इस घोटाले को अंजाम दे रहे हैं। माडल टाउन एक्सटेंशन में टयूशन मार्केट का कारोबार लंबा चौड़ा होने के चलते ये पर खुलने वाली दुकान के किराये के तौर पर 50 से 70 लाख पगड़ी आराम से मिल जाती है और यही कारण है कि यहां पर मंदिर की पहले भी जूताघर के लिए बने स्थान को दुकान मेंं तबदील कर एक हलवाई को किराये पर दे दिया गया था।
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Yashpal Sharma (Editor)