पंजाब | आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने INDI गठबंधन के साथ एकजुटता दिखाते हुए नीति आयोग की बैठक में ना शामिल होने का फैसला किया है। ये बैठक 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली है। इससे पहले कांग्रेस और DMK ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। बीते दिन ही INDI गठबंधन ब्लॉक ने आरोप लगाया था कि 2024-25 के केंद्रीय बजट में गैर-NDA शासित राज्यों की अनदेखी की गई। जिसके बाद कांग्रेस और DMK ने बहिष्कार करने की घोषणा की थी। AAP प्रवक्ता का कहना है कि वे INDI गठबंधन ब्लॉक के साथ खड़े हैं। जब INDI गठबंधन ब्लॉक ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया, तो पंजाब के सीएम भी इससे दूर रहेंगे। गठबंधन से अलग लाइन लेने का कोई मतलब नहीं है। सीएम भगवंत मान की तरह ही पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भी इस बैठक में शामिल ना होने फैसला किया है। इसके अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के सिद्धारमैया और तमिलनाडु के एमके स्टालिन बैठक में शामिल नहीं होंगे।
बीते दिन सांसद संदीप पाठक ने एक इंटरव्यू में कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार संकीर्ण सोच के साथ राजनीति कर रही है। हमें सरकार को जगाना होगा। उन्हें बताना होगा कि वे जो कर रहे हैं वह गलत है। अगर इस तरह से देश का बजट तैयार किया जाएगा तो देश कैसे प्रगति करेगा?
मुख्यमंत्री भगवंत मान के बैठक में ना जाने के निर्णय के साथ ही अब CM ऑफिस में तैयारियां भी थम चुकी हैं। जबकि बीती शाम तक राज्य सरकार 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक के लिए मुख्यमंत्री के भाषण को तैयार करने में जुटे थे। मुख्यमंत्री बैठक में केंद्र के समक्ष लंबित 10,000 करोड़ रुपये का मुद्दा उठाने वाले थे। जिसमें रूरल डिवेल्पमेंट फंड और मंडी विकास फंड के तकरीबन 6,767 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।
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Yashpal Sharma (Editor)