लुधियाना से कांग्रेस की सांसद टिकट को लेकर कांग्रेस में लगातार समीकरण बदल रहे हैं और इसका बड़ा कारण कांग्रेस के भीतर की पॉलिटिक्स है। सूत्र बताते हैं कि इस राजनीति का शिकार लुधियाना टिकट के प्रमुख दावेदार भारत भूषण आशू पूर्व कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। इस पूरी राजनीति के सूत्रधार कांग्रेस के सीएलपी लीडर सरदार प्रताप सिंह बाजवा बने हुए है। बात करें लुधियाना एमपी टिकट की तो इस सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी से लेकर कई अन्य की ओर से नजरे गड़ाई गई थी, लेकिन मनीष तिवारी को चंडीगढ़ से टिकट मिलने के बाद इस सीट पर सरदार प्रताप सिंह बाजवा की ओर से राजनीति के नए समीकरण पैदा किए गए। लुधियाना लोकसभा सीट की उम्मीदवारी लेने को पहले शहीद परिवार से संबंधित और 5 बार विधायक रहे राकेश पांडे ने दावेदारी ठोकी और उसके तुरंत बाद लुधियाना के जिला प्रधान संजय तलवार भी इस दावेदारी को ठोकने में आगे आए । लेकिन वहीं दूसरी ओर पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू भी अपने दिल्ली संपर्कों के जरिए इस सीट को पाने के लिए लगातार जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं। लेकिन उन पर फूड सप्लाई मंत्री रहते करप्शन के लगे आरोप और उनकी गांधी परिवार के नजदीकी पंडित किशोरी लाल से दूरियां उनकी दावेदारी पर ग्रहण लग रही है । सूत्र बताते है कि कांग्रेस हाई कमान को बड़ा फीडबैक कांग्रेस के सीएलपी लीडर प्रताप सिंह बाजवा से लेकर प्रदेश अध्यक्ष राजा वाडिंग की ओर से दिया जा रहा है और और यह आशु की पोजीशन को कमजोर कर रहा है। यही कारण है कि लुधियाना से कांग्रेस की ओर से बाहरी उम्मीदवार को उतारे जाने की चर्चा पूरे जोरों पर शुरू हो चुकी है। कभी इस सीट पर सीनियर कांग्रेस नेता प्रगट सिंह को कभी स्वर्गीय बेअंत सिंह परिवार से जुड़े गुरकीरत कोटली का नाम सामने आया। लेकिन अब एक इस सीट पर कांग्रेस के स्टेट प्रेसिडेंट राजा वडिंग का नाम सामने आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि उनका टिकट लगभग तय हो चुका है। सुनने में आ रहा है कि उनकी इसी दावेदारी के चलते ही उन्होंने अपनी पत्नी की बठिंडा सीट की दावेदारी की आहुति दे दी। इस पूरी राजनीति में जहां प्रताप सिंह बाजवा राजा वडिंग को लुधियाना लोकसभा सीट की उम्मीदवारी दिलाने में कामयाब हो जाएंगे तो वहीं दूसरी ओर वह पंजाब प्रधान की कुर्सी पर भी काबिज हो सकते हैं। यही कारण है कि भारत भूषण आशू के नजदीकियों व उनके धड़े से जुड़े पूर्व पार्षदों की ओर से लुधियाना में किसी बाहरी नेता को उतारे जाने का सोशल मीडिया पर विरोध भी शुरू कर दिया है। अब देखना है कि भारत भूषण आशू कांग्रेस हाई कमान और प्रदेश के बड़े नेताओं की राजनीति का शिकार बनते हैं या वह टिकट को लेने में कामयाब होते हैं, यह अगले 24 घंटे में साफ हो सकता है।
हमारा पहला उदेश्य आप तक सबसे पहले और सही खबर पहुंचाना। हमारे आसपास क्या हो रहा है, इसके बारे में आपकी नॉलेज को दुरुस्त करना। वहीं समाज की बुराईयों व गलत गतिविधियों संबंधी आगाह करना भी हमारे लक्ष्य में हैं।
Yashpal Sharma (Editor)