यशपाल शर्मा, लुधियाना
लुधियाना में बढ़ती जमीनों के दाम को देखते जिला प्रशासन भी हरकत में आता दिखाई देने लगा है। जिला प्रशासन की ओर से रिहायशी, कामर्शियल और खेतीबाड़ी जमीनों के नए कलेक्टर रेट की सूची जारी कर दी गई है। नए कलेक्टर रेटों में खासकर खेतीबाड़ी जमीनों के सरकारी रेटों में कईं जगहों पर तो 100 फीसदी तक का बड़ा इजाफा कर दिया गया है। जबकि कईं रिहायशी जमीनों की रजिस्ट्री के कलेक्टर रेट भी 40 फीसदी तक बढ़ा दिए गए हैं। नए बढ़ाए गए रेटों मेंं एग्रीक्लचर जमीन की सरकारी रेट अवमूमन 30 से 50 फीसदी और रिहायशी जमीनों के दाम भी 25 से 40 फीसदी तक बढ़ा दिए गए हैं। जिसे लेकर आम पब्लिक व प्रॉपर्टी कारोबार से संबंधित एसोसिएशनों के पदाधिकारियों की कड़ी प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरु हो गई हैं। मलकपुर में एग्रीक्लचर जमीन के दाम सबसे अधिक सौ फीसदी तक बढ़ाए गए हैं। यहां पर एग्रीक्लचर जमीन का कलेक्टर रेट 86 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.72 करोड़ रुपए प्रति एकड़ कर दिया गया हैं, जो कि लगभग दोगुना कर दिया गया हैं। मलकपुर में लाडोवाल बाइपास के दोनों तरफ में आती एग्रीक्लचर जमीन का कलेक्टर रेट दो करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए कर दिया गया है। जबकि कईं जगहों पर कार्मशियल जमीन के क्लेक्टर रेटों में भी 20 फीसदी से 30 फीसदी तक का इजाफा कर दिया गया है। लुधियाना में सबसे महंगी कार्मशियल दाम वाली फिरोजगांधी मार्केट में प्रति गज 1.43 लाख का रेट अब बढ़कर 1.65 लाख रुपए और घुमारमंडी का कार्मशियल रेट 75 हजार से बढ़कर 85 हजार रुपए हो गया है। वहीं सुखदेव नगर में कार्मशियल जमीन की रजिस्ट्री के दाम 50 फीसदी तक बढ़ गए हैं। यहां दस हजार से रेट बढ़कर 15 हजार रुपए गज कर दिया गया है। वहीं साउथ सिटी में कार्मशियल दाम 25 हजार रुपए से बढ़ाकर 32500 प्रति गज कर दिया गया है। वहीं हंबड़ा मेन रोड पर भी ये रेट 10 हजार रुपए से बढ़कर 14 हजार रुपए प्रति गज हो गया है।
इन एरिया में बढे़ एग्रीक्लचर रेट के दाम
थरीके में एग्रीक्लचर जमीन प्रति एकड़ जो पहले 51 लाख रुपए था, वो अब 1.04 करोड़ रुपए, खेतीबाड़ी जमीन झांडे प्रति एकड़ दाम 50 लाख से एक करोड़ रुपए,फूलांवाल एग्रीक्चलर जमीन का दाम 55 लाख से बढ़ाकर 82 लाख रुपए प्रति एकड़, ठक्करवाल लक्की इंक्लेव में पड़ती एग्रीक्लचर रजिस्ट्री के दाम 86 लाख 25 हजार प्रति एकड़ कर दिए गए हैं। धांधरा में नगर निगम की हद से 5 किलोमीटर तक में पड़ती एग्रीक्लचर जमीन के दाम 97 लाख 50 हजार रुपए प्रति एकड़ कर दी गई हैं। अयाली खुर्द में आती एग्रीक्लचर जमीन के दाम 86 लाख 25 हजार से बढ़ाकर 1.29 करोड़ रुपए और यहां पर बाईपास के आसपास पड़ती एग्रीक्लचर जमीन के दाम 1.25 करोड़ रुपए से 1.87 करोड़ रुपए, अयाली खुर्द में डंप के साथ पड़ती एग्रीक्लचर जमीन के दाम 30 लाख से 45 लाख, हंबड़ा रोड़ पर दो एकड़ तक की एग्रीकचलर जमीन के सरकारी दाम 85 लाख से 1.27 करोड़ रुपए, नूरपूर बेट में लाड़ाेवाल बाइपास पर पड़ती सरकारी जमीन 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख प्रति एकड़,बारनहाड़ा में हंबड़ा रोड़ से बुडढा नाला तक पड़ती एग्रीक्लचर जमीन के दाम 55 लाख रुपए प्रति एकड़ से बढ़ाकर 82 लाख रुपए कर दिया गया है। तलवाड़ा में आती हंबड़ा रोड के दाेनों साइड़ की एग्रीक्लचर जमीन का दाम 1.50 करोड़ से बढ़ाकर 2.25 करोड़ रुपए, मलकपुर में एग्रीक्लचर जमीन के दाम सबसे अधिक सौ फीसदी तक बढ़ाए गए हैं।
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रिहायशी प्रॉपर्टी की भी रजिस्ट्री हुई 40 फीसदी तक महंगी
शहर की पॉश कालोनी किचलू नगर में रिहायशी कलेक्टर रेट 46 हजार रुपए से बढ़ाकर 57500 रुपए, उधम सिंह नगर में 40 हजार 300 वाले दाम अब बढ़ाकर 52500 रुपए प्रति गज कर दिए गए हैं। वहीं गोल्फ लिंक में ये दाम 7 हजार से 8085, गोल्डन एवेन्यू में 5 हजार रुपए से बढ़ाकर 6650 रुपए प्रति गज कर दिए गए हैं। फिरोजपुर रोड पर आती शमशेर एवेन्यू के रिहायशी सरकारी रेट में 40 फीसदी का जंप दिया गया हैं। यहां अब 10 हजार रुपए की बजाय 14 हजार रुपए प्रति गज दाम कर दिया गया है। सन व्यू रेजिडेंसी में भी रजिस्ट्री के दाम 17 हजार रुपए से बढ़कर 22 हजार रुपए कर दिए गए हैं। जबकि संत बिहार जस्सियां में रिहायशी प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट जो पहले 4 हजार रुपए थे अब 5200 रुपए, दुर्गापुरी हैबोवाल कंला में 6 हजार रुपए बढ़ाकर 8200 रुपए, न्यू किचलू नगर में 5800 से 6700 रुपए, गोपाल नगर में 7 हजार से 9100 रुपए प्रति गज रिहायशी कलेक्टर रेट रहेंगे।
वहीं इस बारे में एसएस प्रकाश ने कहा कि सरकार पूरी तरह से प्रॉपर्टी कारोबार के उल्ट है। कईं जगहों पर रिहायशी व एग्रीक्लचर लैंड के कलेक्टर रेट मनमाने ढंग से बढ़ा दिए गए हैं। इसको लेकर जल्द उनकी एसोसिएशन डिप्टी कमिश्नर को अपना मैमोरेंडम देगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के कार्यकाल में तहसीलों में आम पब्लिक न रजिस्ट्री हो रही है और न ही लोगों को सरकारी विभागों से एनओसी मिल पा रही है। वहीं सरकारी फीस चुकाने के बावजूद कालोनियों में रहने वाले लोगों को न तो सही सड़कें मिल पाई हैं और न ही उनकी गलियों की मरम्मत हो पा रही है।
एसएस प्रकाश, लुधियाना रिएल इस्टेट एसोसिएशन
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Yashpal Sharma (Editor)