यशपाल शर्मा, लुधियाना
सतलुज क्लब में नई एग्जीक्यूटिव के गठन के बाद अब हर मैंबर की एक्टिविटी कैमरे की नजर में आने वाली है। इसका कारण है कि क्लब के जनरल सेक्रेटरी डा.डॉ आशीष आहूजा की ओर से अधिकतर सैक्शन को कैमरों से लैस करना शुरु कर दिया गया है। भले ही डॉ आशीष आहूजा क्लब में सिक्योरिटी के पर्पज से ये व्यवस्था बना रहे हैं, लेकिन इस सब के बीच क्लब मैंबर्स को अपनी प्राइवेसी खत्म होने का डर भी सता रहा है। बड़ी बात है कि क्लब में आउट साइडर्स व सिफारिशी लोगों की एंट्री लगातार बढ़ती चली जा रही थी और डॉ आशीष आहूजा ने चुनाव से पहले कहा था कि वे जरनल सेक्रेटरी बनने के बाद इसमें बदलाव लाना चाहेंगे। बताया जाता है कि क्लब की सिक्योरिटी के मदृेनजर पहले एक दर्जन के करीब कैमरे लगे थे और अब बदलाव के तहत क्लब में दो दर्जन से अधिक नए कैमरे लगा दिए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि इन कैमरों में वीडियो रिकार्डिंग के साथ साथ आडियो रिकार्डिंग की भी व्यवस्था साथ में रखी गई हैं। ऐसे में अब क्लब में किसी भी मैंबर व इंप्लाइज के लिए मजाक व गाली गलौच महंगा पड़ने वाला है। बताया जाता है कि इस नई व्यवस्था के तहत क्लब की बार, लॉन टैनिस ग्रांउड़, बैडमिंटन, जिम व स्पॉ के रिसेएपशन एरिया में कैमरे लगाए जा रहे हैं, इनमें से किसी किसी सेक्शन में ये काम मुकम्मल भी हो चुका हैं। बताया जाता है कि इन कैमरों का पूरा असैस भी डॉ आशीष आहूजा के मोबाइल पर रहेगा। क्लब में हो रहे इस बडे़ बदलाव के बाद मैबर्स में चर्चाएं भी छिड़नी शुरु हो गई है। कुछ मैंबर्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सिक्योरिटी के पर्पज से अगर कैमरे लगाए जा रहे हैं तो ये क्लब की एंट्री, रिस्पेशन एरिया और पार्किंग एरिया तक सीमित रहने चाहिए।
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मैंबर्स का मानना क्लब की प्राइवेसी हो जाएगी खत्म
वहीं दूसरी ओर क्लब के मैंबर्स के बीच भी ये चर्चा शुरु हो गई है कि अगर हर सेक्शन में कैमरे लगा दिए जाएंगे, इससे मैंबर्स की प्राइवेसी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। क्लब में हर मैंबर इंज्वाय को आता है, लेकिन अगर वे हर समय कैमरे के दायरे में ही रहेगा तो उनकी हर एक्टिविटी पर चैक लग जाएगा। उदाहरण के लिए कोई मेंबर घर से कोई आफिस और कोई फ्रेंड सर्किल में बहाना बनाकर क्लब आता है तो अब ये सीक्रेट भी सीक्रेट नहीं रहेगा। ऐसे ही कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों का भी है कि वे स्पोर्टस या जिम के लिए होते तो क्लब में हैं, लेकिन कईं बार वे आन डयूटी भी ये एक्टीविटी क्लब आकर कर लेते हैं, लेकिन अब उन्हें भी सावधान रहना होगा।
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कानून के दायरे में भी फंस सकता है पेच
बताया जाता है कि इन कैमरों को लेकर क्लब मैंबर्स में खुस बुसाहट शुरु हो गई हैं और अगर ये मामले में लीगल पक्ष सामने आया तो डा. आहूजा की बेहतर प्लानिंग भी गड़बड़ा सकती है। इसका कारण है कि आईपीसी एक्ट मैंबर्स की इजाजत बिना वीडियो व आडियो रिकार्डिंग की इजाजत नहीं देता और ये इसमें एक बड़ा पेच बन सकता है।
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क्लब में पहले कुल 16 कैमरे लगे थे, जिनमें से आठ कैमरे खराब पडे़ थे। पिछले कुछ समय में क्लब में ऐसे वाक्या हुए हैं, जिसके चलते ये पूरी व्यवस्था क्लब प्रेसीडेंट की सहमति से बनाई जा रही है। पहले क्लब में कोई इंसीडेंट होता था तो किसकी गलती थी, ये पता ही नहीं चलता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इन कैमरों के जरिए प्राइवेसी लीक होने वाली कोई बात नहीं, डर केवल उन्हें लगेगा, जो क्लब में गलत काम करते आए हैं। ये पूरी व्यवस्था क्लब को ओर बेहतर बनाएगी।
डॉ आशीष आहूजा, जनरल सेक्रेटरी, सतलुज क्लब
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Yashpal Sharma (Editor)