यशपाल शर्मा, लुधियाना
लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में तैनात एक एसई पर पंजाब सरकार इतना क्यों मेहरबान है, ये पिछले कुछ दिनों से चर्चा में आया हुआ है। इन एसई साहब के पास पहले से जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट और अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का चार्ज होने के बावजूद इन्हें लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का भी एडिशनल चार्ज में दे दिया गया है आपको बता दें इन एसई साहब को लुधियाना से पूर्व दिवंगत विधायक गुरप्रीत गोगी की ओर से चलता किया गया था और अब उन्हें दोबारा से लुधियाना में लाने को आम आदमी पार्टी के ही एक नेता की ओर से दांव खेला गया है। एसई राकेश गर्ग लुधियाना से पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर भारत भूषण आशू के साथ एक ऑडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आए थे, हालांकि तब इन्हें भारत भूषण आशू के दबाव के चलते लुधियाना से चलता किया गया था। आपको बता दें लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में कमीशन का बहुत बड़ा खेल चला रहा है और अब भी नगर निगम के एरिया में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ओर से करोड़ों रुपए के डेवलपमेंट कार्य करवाए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ लुधियाना में अटल अपार्टमेंट स्कीम की ही बिलिंग लगभग 20 करोड रुपए की बताई जा रही है और यही कारण है कि लुधियाना में कई अफसर में पोस्टिंग चाहते है। बताया जाता है कि इसी कमीशन के खेल के चलते राकेश गर्ग को जालंधर और अमृतसर के साथ-साथ लुधियाना का भी एडिशनल चार्ज दे दिया गया। इतना ही नहीं वे अपने साथ एक टीम के तहत एक्सियन नरिंदर कुमार सिंगला और एक एसडीओ भी साथ लेकर आएं हैं। नरिंदर कुमार सिंगला के पास जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का अहम चार्ज हैं। लेकिन ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि ये अधिकारी आखिर किस तरह से करीब 200 किलोमीटर की रेंज में आते डेवलपमेंट वर्क की निगरानी कर पाएगा।
डेवलपमेंट कामों में अड़ंगा डालने के चलते हुई थी ट्रांसफर
आपको बता दें करीब ढाई पौने तीन साल पहले जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार चुनकर आई थी तो उसके बाद राकेश गर्ग को लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में बतौर एसई चार्ज दिया गया था। लेकिन तब उनकी ओर से जारी डेवलपमेंट वर्क में अड़ंगा डाले जाने के चलते कुछ कांट्रेक्टर्स की ओर से तत्कालीन विधायक गुरप्रीत गोगी के पास अपना रोना रोया था। इसके बाद गुरप्रीत गोगी की सिफारिश पर लोकल गवर्नमेंट की ओर से राकेश गर्ग का तबादला कर दिया गया था। अटल अपार्टमेंट प्रोजेक्ट के चलते कई ऑफिसर्स की निगाह लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में एस ई और एक्सियन की कुर्सी पर है बताया जाता है कि इस प्रोजेक्ट की हर महीने की बिलिंग 20 करोड़ के आसपास है और इसी कमीशन के खेल में राकेश गर्ग को लुधियाना का कार्यभार दिया गया है।
आखिर एक अफसर कैसे करेगा तीन बडे़ शहरों के प्रोजेक्टों की निगरानी।
अमृतसर और जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के साथ-साथ राकेश गर्ग को लुधियाना का एडिशनल चार्ज दिए जाने से लोकल गवर्नमेंट की भी कारगुजारी पर सवाल खड़े होने लगे हैं। असल में एक अधिकारी तीनों अहम शहरों के करोड़ों के प्रोजेक्ट पर किस तरह से एक साथ निगरानी रख पाएगा या अपने आप में एक सवाल है। आला पोस्ट पर बैठे अधिकारी को इन तीन जिलों के साथ-साथ विभिन्न कामों के चलते चंडीगढ़ के भी चक्कर काटने पड़ते हैं और वहां होने वाली बैठकों में भी अपनी मौजूदगी देनी पड़ती है। ऐसे में एक अधिकारी को जालंधर अमृतसर के साथ-साथ लुधियाना के डेवलेपमेंट वर्क की निगरानी (करीब 200 किलोमीटर का फासला) सौंपे जाने पर इन इन कामों की निम्न क्वालिटी और इनमें घोटाले की आशंका अधिक बढ़ जाएगी।
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Yashpal Sharma (Editor)