पंजाब। पंजाब में शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज नशा तस्करी मामले में एसआईटी द्वारा कोर्ट के माध्यम से सर्च वारंट मांगने और बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा दाखिल वारंट की कॉपी के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला 28 मई तक के लिए टाल दिया है। बिक्रम मजीठिया के वकीलों की ओर से सर्च वारंट हासिल करने के लिए एसआईटी की ओर से दाखिल की गई अर्जी की कॉपी हासिल करने के लिए याचिका लगाई गई है। वहीं, बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ थाना स्टेट क्राइम फेज-4 मोहाली में एनडीपीएस एक्ट की धारा 25, 27ए और 29 के तहत एफआईआर नंबर 2/21 दर्ज की गई है। इस मामले में अभी तक एसआईटी की ओर से कोर्ट में चालान पेश नहीं किया गया है। गौरतलब है कि पंजाब सरकार के आदेश पर इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें आईपीएस अधिकारी वरुण शर्मा जो कि एसएसपी पटियाला भी हैं, मामले की जांच कर रहे हैं।
कांग्रेस सरकार ने 2022 में दर्ज किया था मामला
यह मामला कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2022 में दर्ज किया गया था। उस समय एसआई ने बताया कि भोला ड्रग्स मामले में छह से 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन एफआईआर में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। फैसले के बाद मजीठिया का नाम शामिल करना संभव नहीं है। इसके बाद कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2022 में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद वह जेल भी गए।
पंजाब सरकार ने गठित की है 5वीं एसआईटी
बिक्रम मजीठिया से जुड़े नशा तस्करी मामले की जांच कर रही SIT के प्रमुख को कुछ दिन पहले बदला गया था। अब AIG वरुण शर्मा को बनाया गया है। इससे पहले DIG एचएस भुल्लर SIT हेड रहे हैं। इसके अलावा 2 और अफसर बदले गए हैं। इसके अलावा, तरनतारन के SSP अभिमन्यु राणा और एसपी (एनआरआई), पटियाला, गुरबंस सिंह बैंस को SIT का सदस्य बनाया गया है। यह 5वीं बार है जब एसआईटी में बदलाव किया गया है। इससे पहले, एसआईटी का नेतृत्व हमेशा डीआईजी या उससे उच्च रैंक के अधिकारी करते थे। यह पहली बार है कि एसआईटी की कमान एआईजी रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है।
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Yashpal Sharma (Editor)