यशपाल शर्मा, लुधियाना
लुधियाना विजिलेंस व्यूरो की ओर से करीब 90 लाख रुपए की रिश्वत के आरोप में अरेस्ट किए गए एसई संजय कंवर को चार दिन के पुलिस रिमांड के बाद जेल जरुर भेज दिया है, लेकिन अब भी कईं ऐसे अन सुलझे प्वाइंट ऐसे हैं, जहां तक विजिलेंस व्यूरो या तो पहुंची नहीं है या पहुंचकर यू टर्न मार गई। आपको लगता हैं कि दर्जनों की तादाद में लुधियाना नगर निगम में टेंडर डालने वाले ठेकेदार क्या सीधा कमीशन की रिश्वतखोरी एसई संजय कंवर के पकड़ा देते थे। यहां ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं। असल में स्मार्ट सिटी के तहत लगने वाले करोड़ों रुपए के टेंडरों की अलॉटमेंट में मोटी रिश्वत का लेनदेन तो संजय कंवर खुद करते थे। लेकिन इसके बाद डेवलपमेंट वर्क शुरु होने के बाद कांट्रेक्टरों को अपने अपन बिल मंजूरी के लिए निगम डी जोन आफिस में इस कमीशन का पूरा लेनदेन किया जाता था। ये लेनदेन का पूरा लेखा जोखा रखने के लिए एक डायरी मेनटेन की जाती थी। इस डायरी को उनके क्लर्क की ओर से मेनटेन किया जाता था और कांट्रेक्टर भी इसी क्लर्क के पास जाकर अपनी बनती कमीशन दे आते थे और इसे डायरी में नोट कर लिया जाता था। बाद में जब एसई संजय कंवर के आफिस आने पर यही क्लर्क पूरा रिश्रत का लाखों रुपए एसई को डायरी से मिलान कर हैंडओवर कर देता था। लेकिन अभी तक विजिलेंस ने तो इस डायरी को और न ही इस क्लर्क को अपने कब्जे में नहीं लिया हैं। एसई संजय कंवर की गिरफतारी के बाद उनके सबसे चहेते अफसर जिनमें नंदन बंसल, एक्सईन बलविंदर सिंह और एक्सईन हरजीत सिंह शामिल हैं कि सांसें सबसे अधिक ऊपर नीचे हो रही हैं। इतना ही नहीं संजय कंवर की गिरफतारी के बाद कईं आईएएस अधिकारियों की भी रात की नींदें उड़ी हुई हैं। सबसे बड़ी बात है कि अगर रोजगार्डन के नवीनीकरण के टेंडर की डिटेल प्राेजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को खंगाला जाए तो इसमें भी बड़ा हेरफेर सामने आ सकता है। किस तरह से मात्र 5 करोड़ रुपए के इस टेडर को अफसरों ने बढ़ाचढ़ा कर 8.80 करोड़ रुपए कर दिया। अगर विजिलेंस इस टेंडर की टेक्नीकल टीम से जांच करवाए तो इस टेंडर को किस तरह से बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया है, इसकी पूरी पोल खुल जाएगी।
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रिश्वत में सोने की गिन्नियां तक दी जाती थी
सूत्र ये भी बताते हैं कि रिश्वत की अमाउंट लाखों में होने के चलते कुछ कांट्रेक्टर ये रिश्वत सोने की गिन्नियों के रुप में अदा करते थे और यही कारण है कि विजिलेंस व्यूरो को जांच में उनकी पत्नी की सेफ से सोने की 21 गिन्नियां बरामद हुई हैं। बताया जाता है कि विजिलेंस की जांच में आने वाले दिनों में ओर अधिक बैंक लाकर्स का भी खुलासा किया जा सकता है। आपको ये भी बता दें कि लुधियाना नगर निगम में स्मार्ट सिटी के डेवलपमेंट वर्क के सबसे अधिक टेंडर लेने वाले एक बिल्डर की ओर से ही संजय कंवर को लुधियाना में लाया गया था और शिअद- भाजपा, कांग्रेस और अब आम आदमी पार्टी में आला नेताओं से लेकर ब्यूरोक्रेसी में अच्छी पैठ रखने वाले इस बिल्डर की पूरी स्पोर्ट एसई संजय कंवर को थी।
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जीरकपुर, चंडीगढ़ व मोहाली में एसई ने खरीदी करोड़ों की प्रॉपर्टीज
विजिलेंस की जांच में सामने आया है कि एसई संजय कंवर ने रिश्वत के करोड़ों रुपए से लग्जरी लाइफ जीने में कोई परवाह नहीं की। जहां दूसरों के नाम पर मर्सिडीज, फॉरच्यूर्नर व कुछ अनय लग्जरी गाड़ियां खरीदी, वहीं फैमिली के साथ साल में दो बार विदेश के टूर भी लगाए जाते रहे। जांच में ये भी सामने आया है कि एसई संजय कंवर ने रिश्वत की आय से जीरकपुर, चंडीगढ व मोहाली में कार्मशियल व महंगे फलैट खरीदने में लगाई हुई है। जिनकी मार्केट कीमत दस करोड़ रुपए के आसपास आंकी जा रही है। संजय कंवर की बैंक डिटेल से साफ हुआ कि उनके खातों से कुछ कालोनाइजर्स व बिल्डर्स को पेमेंट की गई हैं। विजिलेंस अब इन बिल्डर्स को अपने संपर्क में लेकर इन प्रॉपर्टीज की मार्केट वेल्यू का ब्यौरा जुटाने में लगी हई है।
Exclusive-Who-Kept-The-Account-Of-Se-Sanjay-Kanwar-Bribe-Diary-Huge-Bribes-Were-Paid-In-Gold-Coins
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Yashpal Sharma (Editor)