चंडीगढ़। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस पार्टी को एक भी सीट जीतने में कामयाबी नहीं मिली है, लेकिन पंजाब कांग्रेस ने 2027 विधानसभा चुनावी जंग को फतह करने की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। पार्टी हाईकमान ने सभी नेताओं को अब हर मुद्दे पर लोगों से जुड़ने को कहा है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) को घेरने की तैयारी है। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 31 पंजाबी युवाओं के मामले में पार्टी ने केंद्र की भाजपा और राज्य सरकार दोनों को घेर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह केवल मुद्दा नहीं है, बल्कि युवाओं के भविष्य और उनके परिवारों से जुड़ा मामला है।
अब पंजाब कांग्रेस के पक्ष में है चार प्वाइंट -
1. कांग्रेस पार्टी दिल्ली चुनाव नतीजों से उत्साहित है] क्योंकि भले ही कांग्रेस वहां पर एक भी सीट नहीं जीत पाई है। लेकिन स्टेट में कांग्रेस मजबूत है। कांग्रेस के पास दो साल का पूरा समय पड़ा है। वह AAP की कमजोरियों को प्रमुखता से उठाएगी। वहीं, कांग्रेस का संगठन भी मजबूत हुआ है। कई बड़े नेता जो पहले पार्टी में छोड़ गए थे, वह दोबारा पार्टी जॉइन कर चुके हैं।
2. आम आदमी पार्टी, 2023 में जब पंजाब की सत्ता पर काबिज हुई थी, उस समय पार्टी ने भ्रष्टाचार और नशे को बहुत बड़ा इश्यू बनाया था। एक के बाद एक पंजाब कांग्रेस के नेता व पूर्व मंत्रियों पर केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था, लेकिन टेंडर घोटाले में पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु और भ्रष्टाचार मामले में सुंदर श्याम अरोड़ा के हाईकोर्ट से बरी होने और एफआईआर रद्द होने से यह चीज साफ हो गई कि AAP सरकार ने बदले की रणनीति के तहत केस दर्ज किए थे।
गारंटियां पूरी नहीं हुई
3. आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले कई गारंटियां दी थी। उनमें सबसे बड़ी गारंटी महिलाओं को एक हजार रुपए पेंशन की थी, जो कि अभी तक पूरी नहीं हुई है। भ्रष्टाचार व नशे जैसे मुद्दे अभी तक खत्म नहीं हुए है। खनन का भी बड़ा मुद्दा है।
4. पंजाब में कुछ समय पहले चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हुए थे। भले ही कांग्रेस एक ही सीट जीत पाई थी, लेकिन बरनाला सीट उन हलकों में गिनी जाती है, जिसे AAP का गढ़ माना जाता है। इससे पहले 13 लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस में कांग्रेस सात, आम आदमी पार्टी तीन, एक शिरोमणि अकाली दल और दो निर्दलीय जीते थे।
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Yashpal Sharma (Editor)