पंजाब में आम आदमी पार्टी का ग्राफ नीचे आ रहा है इसका अंदाजा पंजाब की नगर निगम चुनाव के नतीजों से लगाया जा सकता है। बड़ी बात है कि लुधियाना में पंजाब में आम आदमी पार्टी के रिकार्ड तोड़ 92 उम्मीदवार विधानसभा चुनाव जीत कर विधायक बने थे, लेकिन उनका यह जादू इस बार के नगर निगम चुनाव में दिखाई नहीं दिया। जहां आम आदमी पार्टी के लुधियाना से वेस्ट हलके के विधायक गुरप्रीत गोगी अपनी पत्नी सुखचैन कौर को नगर निगम चुनाव नहीं जीता पाए, वही हाल लुधियाना सेंट्रल हलके के आम आदमी पार्टी विधायक अशोक पराशर पप्पी के साथ भी देखने को मिला। वह भी यहां पर अपनी पत्नी मीनू पराशर को चुनाव नहीं जीता पाए। इतना ही नहीं लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन सरदार तरसेम सिंह भिंडर की कहानी भी इससे ही मिलती दिखाई दी। तरसेम सिंह भिंडर की ओर से इस नगर निगम चुनाव में ईस्ट हलके से अपने नजदीकियों व चहेतों के लिए पांच टिकट मांगी जा रही थी और इसके लिए उन्होंने दिल्ली के भी चक्कर काटे थे। लेकिन उनकी कड़ी मशक्कत के बावजूद पार्टी की ओर से उनके उनको दो वार्ड की टिकट थमाई गई। जहां पर उनकी ओर से अपने साथ रखे गए दो चहेतों को चुनाव मैदान में उतारा गया। जहां वार्ड नंबर 7 से तजिंदर सिंह तिंदी की माता पलविंदर कौर को टिकट दिया गया और वहीं वार्ड नंबर 11 से हरजिंदर सिंह हैरी संधू की पत्नी रमनदीप कौर संधू को चुनाव में उतारा गया। लेकिन उनके यह दोनों ही उम्मीदवार बुरी तरह इस चुनाव में हार गए और और पहली दूसरी कतार तक में अपनी जगह नहीं बना पाए। यही कारण है कि दलजीत सिंह बोला ग्रेवाल का भी प्रदर्शन इस नगर निगम चुनाव में ढीला दिखाई दिया। यही नहीं लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में लॉ अफसर के तौर पर कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे एडवोकेट भनोट जो कि आम आदमी पार्टी के नेता थे, उन्होंने भी इस नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए शिरोमणि अकाली दल से वार्ड नंबर 60 से आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत गोगी की पत्नी के खिलाफ अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाया। वहीं वार्ड नंबर शिरोमणि अकाली दल छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए विजय दानव की ओर से भी वार्ड नंबर एक से अपनी बेटी को आम आदमी पार्टी की टिकट से चुनाव पर उतर गया था लेकिन वह भी इस चुनाव में तीसरे नंबर पर आती दिखी इससे एक बात साफ है कि इस बार के नगर निगम चुनाव ने कई दिग्गजों को उनकी जमीनी लोकप्रियता के दर्शन करवा दिए। अगले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के ऐसे नेताओं को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा दो 2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हवा में चुनाव जीते थे।
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Yashpal Sharma (Editor)