जहां नए नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल अपनी ईमानदारी को लेकर चर्चा में हैं तो वहीं अब उनकी नाक तले ही लाखाें रुपए की कमीशन के खेल में मार्डन कोड़ आफ कंडक्ट के बीच ही रोजगार्डन नवीनीकरण के करोड़ों रुपए के टेंडर की टेक्नीकल बिड़ खोल डाली गई। बताया जाता है कि इस पूरी धांधली का खेल के एक विधायक के इशारे पर खेला गया है और नगर निगम कमिश्नर भी अब इस मामले में उलझते दिखाई दे रहे हैं। निगम कमिश्नर के उलझने का अहम कारण है, उक्त मामले में एक ठेकेदार की ओर से स्टेट इलेक्शन कमीशन के पास शिकायत करना। असल में निगम की बींएडआर ब्रांच ने लाखों रुपए की कमीशन डकारने को ये पूरा खेल खेला तो बेहद शातिर ढंग से था, लेकिन कहते हैं कि शातिर चोर भी कईं बार ऐसे सबूत छोड़ देता है, जिसमें बाद उसका बचाव संभव नहीं होता। बड़ी बात है कि लुधियाना नगर निगम पहले से ही पूरे पंजाब में नए नए घोटालों को लेकर चर्चा में है और अब ये नए घोटाला भी चर्चा में आता दिखाई दे रहा है। लुधियाना के रोज गार्डन को अपग्रेड करने के लिए निगम अफसरों द्वारा कांट्रेक्टरों से टेंडर मांगे थे और इस टेंडर सबमिट करने की अंतिम तारीख 9 दिसंबर 2024 तय की गई थी। लेकिन नगर निगम व नगर कौंसिल चुनाव के चलते 7 दिसंबर से म्यूनिसिपल एरिया में मार्डन कोड आफ कंडक्ट लागू हो गया। इसके चलते इस टेंडर की सबमिशन तारीख बढ़ाकर 30 दिसंबर 2024 कर दी गई। लेकिन मामला लाखों की कमीशन और एक विधायक के प्रेशर का था, इसलिए दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर और कोड़ आफ कंडक्ट को छीके पर टांग 13 दिसंबर को ही इस टेंडर की टेक्नीकल बिड़ खोल दी गई। जब इस स्कैम को अंजाम दे दिया गया तो इस मामले में ठेकेदारों के एक ग्रुप ने उक्त मामले में मोर्चा खोलते हुए पहले नगर निगम कमिश्नर को शिकायत दी, लेकिन निगम कमिश्नर पर विधायक के दबाव के चलते इस मामले में टेक्नीकल राय लेने की बात कह मामले को अनदेखा कर दिया। जिसे देख अब इस पूरे मामले की शिकायत इलेक्शन कमीशन आफ पंजाब को कर दी गई है। हैरानी की बात तो यह है कि कोड ऑफ कंडक्ट के बीच कोई भी विकास कार्य नहीं किया जा सकता। लेकिन उसके बावजूद निगम अफसरों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सरेआम मनमर्जी कर इस टेंडर की टेक्नीकल बिड़ खोल दी गई। इस टेंडर के तहत रोज गार्डन के नवीनीकरण पर 8.80 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं और टेंडर अलॉटमेंट करवाने के इस पूरे खेल एक करोड़ रुपए तक का गोलमाल बताया जा रहा है। नगर निगम के इतिहास में ये पहली बार होगा कि किसी टेंडर को प्रीपोन के जरिए खोल दिया गया हो। हालांकि निगम अफसर अब ये कह रहे हैं कि एक दिन पहले इसका कोरीजेंडम दिया गया था। बताया जाता है कि इस टेंडर को प्रीपोन ओपन करने का आदेश देने वाला एसई उसी दिन विदेश टूर पर रवाना हो गया। सूत्र बताते हैं कि उनका ये विदेश टूर भी स्पोंसर किया गया है।
पहले 9 दिसंबर को खुलना था टेंडर
जानकारी के अनुसार नगर निगम की और से रोज गार्डन को अपग्रेड करने के लिए एक प्रोजेक्ट बनाया गया था। जिसका कुल खर्च 8.80 करोड़ रुपए रखा गया। इस प्रोजेक्ट के लिए कई ठेकेदारों द्वारा बीड डाली जानी थी।निगम द्वारा दिसंबर महीने की शुरुआत में 9 दिसंबर को टेक्निकल टेंडर खोलने का ऑफिशियल तौर पर ऐलान किया। लेकिन सात दिसंबर को कोड ऑफ कंडक्ट लग गया। जिसके चलते निगम द्वारा खुद पंजाब सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर कोरीजेंडम डालकर बताया गया कि माडर्न कोड आफ कंडक्ट लागू होने के चलते इस टेंडर के लिए अब बिड़ 31 दिसंबर तक की जा सकेगी। लेकिन बताया जाता है कि इस कोरीजेंडम के पीछे भी निगम अफसरों का दिमाग चल रहा था। इस टेंडर के लिए 31 दिसंबर की लंबी तारीख डाल इस टेंडर के लिए इंट्रेस्टिड ठेकेदार को रेस्ट मूड पर भेज दिया गया और दो दिन बाद ही 12 दिसंबर को इस कोरीजेंडम को हटाकर इस टेंडर की बिड़ सबमिशन 13 दिंसबर कर डाली गई और इसके तहत चहेतों ठेकेदारों से तीन टेंडर डलवा डाले गए और 13 दिसंबर की बाद दोपहर की इन टेंडर की टेक्नीकल बिड़ खोल डाली गई।
चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने की कोशिश
दरअसल, टेक्निकल टेंडर अगर एक बार खुल जाए तो दोबारा कोई भी ठेकेदार उसमें बीड नहीं कर सकता। चर्चा है कि निगम अफसरों द्वारा चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबुझकर पहले टेक्निकल टेंडर खोल दिया गया, ताकि कोई और बीड न डाल सके। जिसके बाद फाइनेंशियल टेंडर की तारीख चुनाव के बाद रख दी। चर्चा है कि निगम के उच्च अफसरों के साथ कुछ ठेकेदारों की अच्छी सेटिंग होने के चलते यह सब कुछ किया गया है।
-------
जानें क्यों फंसेंगे इस मामले में निगम अफसर
नगर निगम की ओर से माडर्न कोड आफ कंडक्ट का हवाला देकर जो कोरीजेंडम इस टेंडर की तारीख बढ़ाने को सरकारी बेवसाइट पर डाला था, वो कोरीजेंडम शिकायतकर्ता ठेकेदारों के हाथ लग गया है। ऐसे में निगम अफसरों के पास अब उक्त मामले में बचने को जगह नहीं बचती। वहीं दूसरी ओर से उक्त कांट्रेक्टरों की ओर से इस मामले में हाईकोर्ट जाने की भी पूरी तैयारी कर ली गई है।
हमारा पहला उदेश्य आप तक सबसे पहले और सही खबर पहुंचाना। हमारे आसपास क्या हो रहा है, इसके बारे में आपकी नॉलेज को दुरुस्त करना। वहीं समाज की बुराईयों व गलत गतिविधियों संबंधी आगाह करना भी हमारे लक्ष्य में हैं।
Yashpal Sharma (Editor)