भारतीय जनता पार्टी की ओर से किचलू नगर से संबंधित वार्ड नंबर 69 से माला संजीव ढांड़ा को कौंसलर टिकट दिए जाने के बाद यहां के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदलते दिखाई दे रहे हैं। असल किचलू नगर, टैगोर नगर, उधम सिंह नगर व इसके साथ लगते इलाके हाई सोसायटी के लिए जाने जाते है और भाजपा ने इस बार इसी हाई सोसायटी के बीच से वर्किंग वूमैन माला संजीव ढांड़ा को टिकट देकर ये समीकरण बदल दिए हैं। हर बार इस वार्ड से लोगों में यही चर्चा रहती थी कि इस वार्ड से भाजपा को किसी स्ट्रांग कैंडीडेट की जरूरत है और माला ढांडा के आने से इस चर्चा पर भी विराम लग गया है। अब आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों है। माला ढांडा का जिस कांग्रेसी उम्मीदवार से मुकाबला है, उसके पास कौंसलरशिप का अच्छा अनुभव है, लेकिन अगर इस वार्ड की बात की जाए तो यहां पर भाजपा का प्रदर्शन हमेशा से अच्छा रहा है। खुद माला ढांड़ा एक बिजनेस वूमैन के साथ साथ क्लचरल एक्टिविटी, सिंगिग, पेटिंग, डिजाइनिंग में अच्छा अनुभव रखती हैं। इसके साथ उन्हें देशभक्ति विरासत में मिली हुई हैं और वे शहीद सुखदेव थापर व शहीद विजयंज थापर वंश से संबंधित हैं। वहीं अगर बात करें माला ढांड़ा के पति संजीव ढांड़ा की तो उनके पास लुधियाना के सबसे प्रतिष्ठित सतलुज क्लब के चुनावों का अच्छा खासा अनुभव है और सबसे बड़ी बात ये भी है कि उधम सिंह नगर, किचलू नगर व कालेज रोड, टैगोर नगर, ग्रीन पार्क, मलेरकोटला हाउस, पटेल नगर व इसके आसपास के इलाकों से बहुत से परिवार ऐसे हैं, जो सतलुज कल्ब के मैंबर हैं। ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार के साथ साथ भाजपा के उम्मीदवार में इस बार मुकाबला टक्कर का रह सकता है। इसके साथ साथ संजीव ढांड़ा परिवार प्रोफेशनलस से भी जुड़ा हुआ है और उनकी रिश्तेदारी शहर के बेहतरीन डाक्टर्स के साथ है। वहीं इस कौंसलर चुनाव में उक्त सीट पर मुकाबला त्रिकोणा फंसा है और ये वार्ड हिंदू परिवार से संबंधित होने के चलते यहां पर भाजपा उम्मीदवार को कम आंकना बहुत बड़ी गलती साबित हो सकती है।
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Yashpal Sharma (Editor)