लुधियाना। लुधियाना के मॉडल टाउन की गुजरखां रोड पर टेंपरा कंपनी की और से एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग अवैध तरीके से तैयार की जा रही है। रिहायशी इलाका होने के बावजूद एक नहीं बल्कि तीन कमर्शियल इमारतें बनाई जा रही है। जिसके चलते नगर निगम द्वारा अब इस बिल्डिंग पर एक्शन लेते हुए उसे सील कर दिया है। निगम अधिकारी इस अवैध बिल्डिंग की लगातार खामियां छिपाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि हैरानी की बात तो यह है कि पहले नगर निगम द्वारा ही इस बिल्डिंग को सही बताते हुए कंप्लीशन सर्टीफिकेट दिया था। लेकिन अब जब इलाके के लोगों द्वारा शिकायतें करने पर निगम की और से दोबारा चैकिंग की गई, तो यह इमारत बिल्डिंग नियमों के उल्ट बनाई जा रही थी। जिससे पता चलता है कि नगर निगम अधिकारी बिल्डिंग मालिक के साथ मिलकर अवैध तरीके से यह प्रोजेक्ट पूरा करने में लगे हैं। इलाके के लोगों का आरोप है कि निगम अधिकारियों को मोटी रिश्वत दी गई है, जिसके चलते ही वह इसे रोक नहीं रहे हैं। बता दें कि कुछ महीने पहले भी टेंपरा कंपनी द्वारा बनाई जा रही इस अवैध मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का विवाद उठा था। तब निगम अधिकारियों का कहना था कि नियमों के मुताबिक ही यह बिल्डिंग बन रही है। यह झूठे आश्वासन देकर निगम द्वारा लोगों को शांत कराया गया। हालांकि इलाका निवासियों द्वारा फिर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद निगम कमिश्नर को भी कोर्ट में पेश होना पड़ा था। लेकिन अब निगम द्वारा बिल्डिंग सील करने से साफ जाहिर है कि टेंपरा कंपनी को अवैध तरीके से कंप्लीशन सर्टीफिकेट दिया गया था। हालाकि निगम अधिकारियों का तर्क है कि कंप्लीशन सर्टीफिकेट में कई तरह की खामियां पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई है।
आंखें बंद करके फाइलें पास कर रहा निगम
इस मल्टीस्टोरी बिल्डिंग मामले में कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही है। हालांकि इस बिल्डिंग पर हुई कार्रवाई ने निगम अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भी पोल खोल दी है। क्योंकि पहले निगम द्वारा खुद इस इमारत को पास करवाकर सीएलयू देते हुए फीस जमा करवाई जाती है। आंखें बंद करके फाइल पास कर दी जाती है। लेकिन अब सील कर दी गई। इस कार्रवाई से साफ जाहिर है कि निगम अफसर रिश्वत लेकर कही भी कुछ भी बनवा सकते हैं।
मौके पर सड़क 60 फीट की, फिर भी नगर निगम दे रहा सीएलयू
जानकारी के अनुसार गुजरखां रोड 80 फीट थी। लेकिन अब 60 फीट रह चुकी है। लेकिन उसके बावजूद वहां एक नहीं बल्कि एक साथ तीन तीन कमर्शियल इमारतें कैसे बन सकती है। हालाकि अभी तक देखें तो नगर निगम की और से 2016 में उक्त रोड को कमर्शियल करने के लिए मता डाला गया था। लेकिन वह सड़क को कमर्शियल करने के लिए सरकार द्वारा परमिशन नहीं दी गई। हालाकि सिर्फ मता डालने से किसी सड़क को कमर्शियल नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके बावजूद नगर निगम अफसर मनमानी कर सीएलयू बिल्डिंग मालिकों को जारी कर रहे हैं। अब इस पूरे मामले में नगर निगम अफसरों की लापरवाही सामने आई तो उन पर एफआईआर तक की कड़ी कारवाई संभव है।
हाईकोर्ट ने रुकवाया था तीनों इमारतों का निर्माण
जानकारी के अनुसार इलाका निवासी रजिंद्र सिंह की और से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की और से टेंपरा की मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के अलावा उसके साथ लगती दो अन्य कमर्शियल इमारतों समेत तीनों इमारतों के निर्माण का कार्य रोक दिया गया था। हालाकि यह तीनों इमारतें एक के बाद एक बिल्डिंग छोड़कर बनाई जा रही हैं।
पहले भी हुई थी बिल्डिंग सील
जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट की और से बिल्डिंगों के निर्माण पर रोक लगाई गई थी। लेकिन उसके बावजूद तीसरी इमारत की नींव भरवाई काम जारी है। जिसके चलते इलाका निवासी राजिंद्र सिंह की और से इस संबंधी लुधियाना पुलिस को शिकायत दी गई। जिसके चलते पुलिस ने मौके पर पहुंचकर काम रुकवाया। वहीं सितंबर 2024 में नगर निगम की और से बिल्डिंग को सील कर दिया गया है। हालाकि सील की कार्रवाई सिर्फ खानापूर्ति के लिए की गई। क्योंकि बिल्डिंग के जिस ताले को सील किया है उक्त ताले के ऊपर नीचे तो सील लगा दी, लेकिन जहां पर चाबी लगाई जाती है। वह जगह खाली रखी हुई है। जिसके चलते कभी भी वहां चाबी लगाकर इमारत को खोला जा सकता है।
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Yashpal Sharma (Editor)