बुड्ढा नाला व सतलुज नदी में बढ़ रहे पॉल्यूशन लेबल को लेकर पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने सख्त आदेश जारी कर दिए हैं और इन आदेशों के तहत लुधियाना की डाइंग व रंगाई इंडस्ट्री से संबंधित तीन कॉमन एफयूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) अब बुड्ढा नाले में अपना डिस्चार्ज नहीं गिरा पाएंगी। ये आदेश पीपीसीबी के चेयरमैन आदर्श पाल विज की ओर से पर्सनल हेयरिंग के तहत जारी कर दिए गए हैं। इन आदेशों के तहत पीपीसीबी की ओर से तीनों सीईटीपी को दी गई कंसेंटें भी रदद कर दी हैं, यानि शहर में अब चल रही सभी डाइंग इंडस्ट्री बिना कंसेंट की इलीगल ढंग से चलाई जा रही हैं। लुधियाना में कोई भी डाइंग इंडस्ट्री सीईटीपी जिसमें बहादुर का 15 एमएलडी, ताजपुर का 50 एमएलडी, और फोकल प्वाइंट का 30 एमएलडी सीईटीपी शामिल है, डिस्चार्ज एफयूलेंट स्टैंडर्ड को पूरा नहीं कर रहे, जिसके चलते अब इनकी मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। अगर हम इन आदेशों सही मायनों में समझें तो कल से पूरे शहर की डाइंग इंडस्ट्री नहीं चलाई जा सकती, इसका बड़ा कारण है कि जिन सीईटीपी से ये इंडस्ट्री जुड़ी हैं, उनकी कंसेंट खत्म हो चुकी है या रदद की जा चुकी है और इनके आउलेट से निकलने वाला डिस्चार्ज भी बुड्ढा नाला या किसी अन्य सरफेस वॉटर बॉडी में नहीं गिराया जा सकता। सीईटीपी पर ये आदेश 12 मार्च 2024 से लागू किए गए हैं और इन तीनों सीईटीपी पर इंवायरमेंट नियमों को पूरा न करने के चलते इन पर इंवायरमेंट कंपंनसेशन भी ठोका जएगा और लुधियाना रीजनल 4 के एक्सईन को इस इंवायरमेंट कंपंनसेशन के कैलकुलेशन का जिम्मा सौंपा गया है। बड़ी बात है कि बहादुर के टैक्सटाइल एंड निटवियर एसोसिएशन की ओर से डिस्चार्ज एफयूलेंट स्टैंडर्ड के तयशुदा मानकों की सबसे अधिक धज्जियां उड़ाई गई हैं और पीपीसीबी चेयरमैन की ओर से जारी नोटिस में इसका पूरा जिक्र किया गया है। जिसके तहत बोर्ड बहादुर के टैक्सटाइल एंड निटवियर एसोसिएशन की एसपीवी को मोटी इंवायरमेंट कंपंनसेशन भी ठोक चुका है। जिसके तहत अभी तक ये एसपीवी जुर्मानें के तौर पर करीब 1.78 करोड़ रुपए जमा करवा चुका है और करीब 78 लाख रुपए इनकी ओर से दी गई बैंक गारंटी में से काटा गया है। यही कारण है कि चेयरमैन की ओर से उक्त एसपीवी को पर्सन हेयरिंग के जरिए चार बार बुलाया गया, लेकिन उक्त एसपीवी का कोई नुमाइंदा इस हेयरिंग में नहीं पहुंचा। वही कारोबारी व ताजपुर रोड एसपीवी और फोकल प्वाइंट एसपीवी के पदाधिकारी बॉबी जिंदल और राहुल वर्मा ने इन आदेशों को गलत बताया है। बॉबी जिंदल ने कहा कि यह मामला पहले से कोर्ट में विचाराधीन है और इसके बीच में यह आदेश करना गलत है। उन्होंने कहा कि पीपीसीबी की ओर से डिस्चार्ज को इरीगेशन के लिए इस्तेमाल के लिए कहा तो गया लेकिन इसके लिए कोई भी चैनल इंडस्ट्री को नहीं दिया गया। ऐसे में पानी इंडस्ट्री चलाने के लिए बुड्ढा नाले में गिराया गया है।
सीईटीपी के सीवरेज कनेक्शन काटने को निगम कमिश्नर को भी आदेश जारी
पीपीसीबी चेयरमैन की ओर से जारी किए गए इन आदेशों को सख्ती से अमल में लाया जाए, इसके लिए पीपीसीबी की ओर से नगर निगम कमिश्नर को निर्देश जारी कर दिए गए है। जिसके तहत नगर निगम की ओर से तीनों सीइटीपी के आउटलेट के सीवरेज कनेक्शन काटेगा।
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लार्ज इंडस्ट्री को भी अपने ईटीपी करने होंगे जैडएलडी
पीपीसीबी की ओर से लुधियाना की करीब एक दर्जन इंडस्ट्री जिसमें बडे़ नामी इंडस्ट्री ग्रुप वर्धमान, नाहर, ओरियंटल, महालक्ष्मी, सेंटैक्स, ट्रिपल के जैसे नामी नाम शामिल हैं, को भी अपने ईटीपी को जैडएलडी में तबदील करने को कह दिया गया है। इसके लिए रीजन चार के एक्सईन की ओर से इस संबंधी 15 दिन के भीतर इनके अपडेट की पूरी जानकारी देनी होगी। गौर हो कि लुधियाना में इव लाइन इंडस्ट्री की ओर से अपने प्लांट को जीरो लिक्विड डिसचार्ज में तबदील किया जा चुका है। ------------------------------- वही इस बारे में पीपीसीबी लुधियाना के चीफ इंजीनियर प्रदीप गुप्ता ने बताया कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के ओर से जारी की गई हिदायतों के मुताबिक और इनकी पालना को ये एक्शन लिया गया है।
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Yashpal Sharma (Editor)