लुधियाना। पंजाब के जगराओं में भद्रकाली मंदिर के पीछे तालाब को कूड़े के डंप बनाने का मामले में एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने नगर कौंसिल अधिकारियों को फटकार लगाने के साथ-साथ अब यहां कूडा फेंकने पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं इस मामले को लेकर पंजाब स्टेट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को तालाब की सफाई करवा कर 31 दिसंबर 2024 तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। जिसे लेकर पंजाब स्टेट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने मौके पर आकर इस की जांच कर कौंसिल को सफाई करने के आदेश जारी कर दिए।
भद्रकाली मंदिर के चेयरमैन पराशर देव शर्मा ने बताया कि शहर में सात के करीब तालाब थे। 6 तालाबों पर कौंसिल ने कब्जा करवा दिया। अब मंदिर के पास एक तालाब बचा है, उस में शहरभर से कूड़ा इक्कठा कर फेंका जा रहा है। जिससे गंदगी के कारण मंदिर में माथा टेकने आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ रही थी, और शहर में बीमारियां फैलने का डर बना हुआ था। इसे लेकर उन्होंने एनजीटी को शिकायत की थी। एनजीटी ने 31 दिसंबर तक तालाब की साफ करवाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
यह है पूरा मामला
शर्मा ने बताया कि वह अपने वकील के माध्यम से मामले को एनजीटी में लेकर गए थे। नगर कौंसिल तालाब की सफाई के लिए दो बार फंड भी जारी कर चुकी थी। 6 जून 2022 को 51 लाख 59 हजार रुपए जारी किए गए, उसी वर्ष 9 अगस्त को 99 लाख 32 हजार रुपए जारी किए गए। लेकिन तालाब के साथ इस जगह की सफाई नहीं हुई। उन्होंने मांग करते कहा कि इतना पैसा कहां खर्च हुआ, इसकी जांच होनी चाहिए। ईओ सुखदेव सिंह रंधावा ने कहा कि मामले को लेकर जांच कराई जा रही है। एनजीटी के आदेशों का अनुपालन किया जाएगा।
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Yashpal Sharma (Editor)