यशपाल शर्मा, लुधियाना
लुधियाना में दशहरा मेलों में ठेकेदारों की लूट और मनमानी के बाद आम पब्लिक में केवल एक ही सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर जिला प्रशासन कितने में इन ठेकेदारों के हाथ बिका है। सबसे पहला ये सवाल लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन पर खडे़ हो रहे हैं, जिनकी देखरेख में सबसे अधिक झूले चल रहे हैं। हद तो इस बात कि है कि एक मेला जो उनके रेजिडेंस से मात्र 250 मीटर की दूरी पर है, में सबसे अधिक लूट व नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं, लेकिन उनकी ओर से आंखें मूंदकर रख ली गई हैं। दुर्गा माता मंदिर के नजदीक गर्वमेंट कालेज फॉर वूमैन में लगे इस मेले में जहां जीएसटी की 50 लाख रुपए से अधिक की चाेरी बताई जा रही है, वहीं दूसरी ओर इस मेले में सरेआम सामान तक प्रिंट रेट से अधिक ओवर चार्ज कर बेचा जा रहा है और इतना ही नहीं कईं नॉन ब्राडेड माल जिनकी एक्सपायरी डेट तक निकल चुकी है, सरेआम मेले में बेचा जा रहा है। इतना सब कुछ होने के बावजूद न तो जिला प्रशासन और न हेल्थ विभाग और न ही जीएसटी डिपार्टमेंट के अधिकारी जाग पाए हैं। आपको बता दें दशहरा मेला में लगने वाले झूले भी दशहरा निकलने के दो तीन दिन बाद उतर जाते हैं, लेकिन इन मेलों की अवैध वूसली हिस्सा सरकारी अफसरों को भी पहुंच रहा है, इसलिए इन्हें ठगी की पूरी मोहलत दी जाती है। इतना ही नहीं इल्लीगल झूलों पर एक्शन लेने को डिप्टी कमिश्नर की ओर से आर्डर तो जारी किए गए, लेकिन ये कार्रवाई भी सेटिंग और दवाब के घेरे में आकर ठंडे़ बस्ते में डाल दी गई।
जीएसटी विभाग का आला अफसर दे रहा ठेकेदार को शह
चर्चा में ये भी बना हुआ है कि जीएसटी विभाग का एक आला अफसर जो चंडीगढ़ में बैठा है, का भोला शंकर एंड कंपनी को खास तरह का आशीर्वाद हासिल है। बताया जाता है कि उक्त ठेकेदार पर किसी तरह का कोई एक्शन न हो, इसके लिए वे अपने मोबाइल तक फोन घुमा अपने दबाव बनाए हुए हैं। ये अधिकारी लुधियाना में भी कार्यरत रह चुके हैं। यही कारण है कि लुधियाना के जीएसटी अफसर भी उक्त ठेकेदार पर एक्शन लेने की बजाय पूरे गबन को दबाए हुए हैं। बताया जाता है कि गर्वमेंट कालेज फॉर वूमैन वाले मेले में उक्त ठेकेदार की ओर से 50 लाख से अधिक की टैक्स चोरी की जा रही है। इतना ही नहीं अगले एक दो दिनों में मिली मंजूरी भी खत्म होने जा रही है, लेकिन वहीं गर्वमेंट कालेज फाॅर वूमैन में लगे मेले की मंजूरी को एक्सटेंड करने के भी अंदरखाते प्रयास शुरु हो चुके हैं।
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वहीं इस बारे में डीसी हिमांशु जैन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रिंट रेट से अधिक रेट में अगर सामान बेचा जा रहा है और एक्सपायर्ड खाने पीने का सामान मेले में बिक रहा है, तो इसकी चेकिंग होगी और साथ साथ मेले को कब तक की परमिशन दी गई है, उसकी भी जांच होगी।
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Yashpal Sharma (Editor)