चंडीगढ़। पंजाब में राज्यसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के 10 विधायकों के जाली साइन कर नामांकन दाखिल करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मंगलवार को नामांकन दाखिल करने वाले जयपुर के नवनीत चतुर्वेदी को गिरफ्तार करने के लिए रूपनगर के एसपी और डीएसपी गिरफ्तार करने चंडीगढ़ पहुंचे। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस के नवनीत को सुरक्षा देने से विवाद हो गया। सुखना लेक के पास दोनों पुलिस टीमों के बीच बहस हुई। इस दौरान पिस्टल तक निकाल दी गई। पिस्टल किस तरफ से निकाली गई, इसका अभी पता नहीं चल पाया है। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस उसे हेडक्वार्टर ले गई। हेडक्वार्टर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। वहीं, पंजाब आप के प्रधान अमन अरोड़ा ने कहा कि आरोपी को चंडीगढ़ के डीजीपी के नाम पर रजिस्टर्ड गाड़ी में घुमाया जा रहा है। इससे पहले नवनीत के नामांकन रद्द हो चुके हैं। उसने कहा है कि अब वह हाईकोर्ट की शरण लेगा। रूपनगर सिटी थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
रात को नवनीत चतुर्वेदी पर केस किया
रात को पंजाब पुलिस ने नवनीत चतुर्वेदी पर केस दर्ज किया था। इसके बाद उसे अरेस्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। मंगलवार को रोपड़ पुलिस की टीम उसे पकड़ने चंडीगढ़ में सुखना लेक पर पहुंची। यहां नवनीत चंडीगढ़ पुलिस की गाड़ी में मौजूद था। सूत्रों के मुताबिक सुखना लेक के पास रूपनगर पुलिस के एसपी ने उसे जबरन गाड़ी से बाहर निकालने की कोशिश की। मौके पर थाना-3 के प्रभारी इंस्पेक्टर नरेंद्र पटेल भी मौजूद थे, जिन्होंने हालात संभालने की कोशिश की। लेकिन पंजाब पुलिस नहीं मानी। इस दौरान दोनों तरफ के अफसरों में तीखी कहासुनी हुई। तनाव इतना बढ़ा कि पिस्टल तक निकल आई थी। स्थिति बिगड़ती देख चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर खुद मौके पर पहुंचीं और नवनीत चतुर्वेदी को अपने साथ लेकर सेक्टर-9 स्थित पुलिस हेडक्वार्टर पहुंच गईं। चंडीगढ़ पुलिस का कहना था कि वह उनकी सुरक्षा में है। ऐसे में उसे ले नहीं जा सकती है।
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Yashpal Sharma (Editor)