शहर के नामी सतलुज क्लब में चुनावी माहौल पूरी तरह से गर्माता दिखाई देने लगा है। माहौल अगर चुनावी हो तो ऐसे में गडे़ मुर्दों की भी चर्चा छिडनी स्वाभाविक सी बात है। ऐसा ही कुछ मामले बुधवार को क्लब में चर्चा में आते दिखे। एक मामला क्लब के स्कैप घोटाले के तौर पर चर्चा में आया। बताया जाता है कि कुछ साल पहले क्लब के स्क्रैप को अंदरखाते बेचने की तैयारी कर ली गई थी और ये तैयारी रंगा बिल्ला के नाम से पहचान बनाने वाली एक जोड़ी की ओर से की गई। इसके लिए कबाड़ी तक बुला लिया गया और इस स्क्रैप की वेल्यू भी 50-60 हजार की आंक दी गई। लेकिन तत्कालीन एक पदाधिकारी ने ऐसे इस कबाड़ को बेचने से रोक दिया। बाद में उक्त एग्जीक्यूटिव ने दूसरा कबाड़िया क्लब में बुलाया गया । जब उक्त कबाड़ी से इस स्क्रैप का एस्टीमेट लिया गया तो वे एस्टीमेट 2.50 लाख रुपए पार कर गया। ऐसे में रंगा बिल्ला की ओर से लगाए जाने वाली ठगी का प्रयास फलॉप हो गया। ये रंगा बिल्ला इस बार भी चुनाव मैदान में हैं।
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इतना ही नहीं क्लब की एग्जीक्यूटिव में एक ऐसा भी कैंडीडेट है, जिसकी शराब पीने के बाद की कारगुजारी क्लब के स्टाफ के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी करती रही है। ये जनाब जब शराब पी लेते हैं तो स्टाफ को भी धमकाने में कोई परवाह नहीं करते। इनके खिलाफ क्लब के बार व मैस स्टाफ की ओर से तत्कालीन जरनल सेक्रेटरी साहब को शिकायतें भी बहुत हुई, लेकिन सेक्रेटरी साहब की दरियादिली रही कि उन्होंने उक्त एग्जीक्यूटिव पर सस्पेंड जैसा एक्शन भी टाल दिया और उसे सुधरने की नसीहत दे कर छोड़ दिया।
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क्लब के इस बार चुनावी कैंडीडेट में एक ऐसे भी दावेदार हैं, जिनका कहना है कि उन्होंने क्लब का कईं बार फायदा करके दिया है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि क्लब में बनी नई बार में ही उन्होंने दस लाख रुपए की बचत करके दी है। इन साहब का कहना है कि इस बार को बनाने में बड़ी बढ़ाचढ़ा कर कोटेशन लाकर कोई अपने चहेते को फायदा पहुंचाना चाह रहे था, लेकिन उनकी ओर से अनुभवी प्लेयर खड़ाकर यही काम दस लाख रुपए कम में करवाकर दिया।
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Yashpal Sharma (Editor)