चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस घोटाले में 23 दिन पहले, 25 अप्रैल को सस्पेंड किए विजिलेंस ब्यूरो के दो अफसरों को बहाल कर दिया है। इनमें फ्लाइंग स्क्वॉयड AIG स्वर्णदीप सिंह और जालंधर विजिलेंस ब्यूरो SSP हरप्रीत सिंह शामिल है। दोनों अधिकारियों को उन्हीं पदों पर बहाल किया गया है, जहां से उन्हें सस्पेंड किया गया था। जबकि सूत्रों से पता चला है कि विजिलेंस चीफ पद से सस्पेंड किए गए 1997 बैच के सीनियर अफसर एसपीएस परमार के सस्पेंशन को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने मंजूर कर लिया है। दूसरी तरफ इस मामले में अब राजनीति शुरू हो गई। शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं।
फिर परमार को भी बहाल कर देना चाहिए : मजीठिया
शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर लिखा है कि बेशर्म AAP सरकार का एक और यू टर्न व एक और बड़ा झूठ सामने आया है। जो कि 24- 25 दिन पहले करप्ट थे। इसका मतलब वह इमानदार हो गए हैं। क्या फिर सरकार झूठ बोलती है। असली कहानी यह है कि उनका इस्तेमाल कुछ राजनीतिक नेताओं के खिलाफ किया जाना था। लेकिन वह उनके साथ नहीं आए। अब ऐसा लगता है कि कुछ समझौता हो गया है। इसलिए उन्हें बहाल करने वाले लोगों ने दूसरों से बात नहीं की, उन्होंने एसपीएस परमार से बात की। यह परिवर्तन का समय है। सरकार को माफी मांगनी चाहिए और एसपीएस परमार को बहाल करना चाहिए। केस एक ही था।
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Yashpal Sharma (Editor)