लुधियाना। शहर की नामी टाउनशिप एआईपीएल के डायरेक्टर्स पर प्लॉट धारक को पेमेंट लेने के बावजूद प्लॉट न देने के आरोप लगे हैं। थाना मॉडल टाउन की पुलिस ने सराभा नगर के रहने वाले तेज प्रताप सिंह की शिकायत पर एआईपीएल के डायरेक्टर दलजीत सिंह और शमशेर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता तेज प्रताप सिंह ने बताया कि मॉडल टाउन एक्सटेंशन के हरमिंदर सिंह ग्रेवाल की और से साउथ सिटी रोड स्थित आइरियो वाटर फ्रंट में साल 2015 में एक प्लॉट खरीदा गया। जिसमें एडवांस के तौर पर 26.29 लाख रुपए दिए। जिसकी पावर ऑफ अटार्नी शिकायतकर्ता के पास है। लेकिन एआईपीएल के डायरेक्टर्स उक्त आरोपियों द्वारा पेमेंट भी हड़प कर ली गई और प्लॉट भी नहीं दिया गया। शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी शमशेर सिंह और दलजीत सिंह एआईपीएल ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट के डायरेक्टर्स हैं। जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता ने बताया कि हरमिंदर सिंह ग्रेवाल के पास आइरियो वाटर फ्रंट के राहुल मनोचा 2015 में आए। उन्होंने कहा कि आइरियो प्रोजेक्ट ग्लाडा व पुडा अप्रूवड है। उसमें निवेश किया जाए, जिससे काफी फायदा मिलेगा। उनकी बातों में आकर हरमिंदर सिंह द्वारा निवेश किया गया। उन्होंने दिसंबर 2015 में प्लॉट का सौदा कर 26.29 लाख रुपए दे दिए। जबकि बाकी रकम रजिस्ट्री के दौरान देनी थी। इस पर हरमिंदर ग्रेवाल को एम टाइम में प्लॉट नंबर ए-57 अलॉट कर दिया गया। शिकायतकर्ता को हरमिंदर ग्रेवाल ने पावर ऑफ अटर्नी धारक बना दिया।
आइरियो वाटर फ्रंट कंपनी 9 साल पहले हुई डिफाल्टर
2016 में रजिस्ट्री कराने से पहले ही आइरियो वाटर फ्रंट कंपनी पर ईडी की रेड पड़ गई। कंपनी पर कई मामले दर्ज हो गए। जिसके बाद न तो रजिस्ट्री हो पा रही थी और न ही बैंक की और से लोन दिया जा रहा था। ग्लाडा द्वारा भी कंपनी के कंप्लीशन सर्टीफिकेट कैंसिल कर दिया गया। कंपनी का काम पूरी तरह ठप हो गया। शिकायतकर्ता के अनुसार 2022 में आइरियो वाटर फ्रंट के साथ एआईपीएल कंपनी द्वारा एक एएमसी किया। जिसके चलते उक्त प्रोजेक्ट को एआईपीएल ने टेकओवर कर लिया। जिसके बाद उन्हीं की और से पूरे प्रोजेक्ट की खरीद फिरौख्त की जा रही थी।
पेमेंट लेने के बावजूद प्लॉट के लिए करते रहे टाल मटोल
शिकायतकर्ता की और से एआईपीएल के अधिकारियों के साथ संपर्क किया। जिस पर उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसा कोई प्लॉट ही नहीं है। जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा कई बार एआईपीएल ऑफिस के चक्कर लगाए गए। लेकिन बाद में पता चला कि एआईपीएल के डायरेक्टर शमशेर सिंह और दलजीत सिंह पुराने अलॉटियों को प्लॉट नहीं देना चाहते थे। जिसके चलते उन्होंने हरमिंदर ग्रेवाल का प्लॉट देने से भी साफ इंकार कर ठगी मार ली।
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Yashpal Sharma (Editor)