नगर निगम में कुछ चहेते ठेकेदारों के साथ सांठगांठ कर करोड़ों रुपए के टेंडर उन्हें दिलाने वाले बीएंडआर के आला अफसर अब ठेकेदारों की लड़ाई का निशाना बनते दिखाई दे रहे हैं। ठेकेदारों के एक गुट ने एक सप्ताह पहले आरोप लगाए थे कि नगर निगम की बीएंडआर ब्रांच का एक एसई तीन ठेका कंपनियों को फायदा पहुंचा रहा है और साथ में ये भी दावा किया गया था कि उक्त एसई स्तर के अधिकारी की इन ठेकेदारों से रिश्तेदारी तक है। इस मामले की शिकायत नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल को की गई थी। जिसके बाद नगर निगम कमिश्नर की ओर से इस मामले में जांच बिठा दी गई थी और जांच की इंक्वायरी को तीन अफसरों का जिम्मा निगम कमिश्नर की ओर से लगाया गया है। इस मामले में दो दिन पहले एसई प्रवीण सिंगला की ओर से एफिडेविट देने की बजाय एक लैटर देकर कहा गया था कि इन तीन ठेका कंपनियों के मालिकों के साथ उनकी कोई रिश्तेदारी नहीं हैं। हालांकि इस मामले में चर्चा में आई तीनों ठेका कंपनी भी जांच अधिकारी एसई रणजीत सिंह को एफिडेविट के जरिए ये बता चुके हैं कि एसई प्रवीण सिंगला उनके रिश्तेदार नहीं हैं। जबकि शिकायतकर्ता ठेकेदार अजय जिंदल ने ठेकेदारों की ओर से दिए गए एफिडेविट को झूठा करार देते इन्हें चैलेंज कर दिया है। उनका कहना है कि इस एफिडेविट की बजाय उक्त अफसर या उनकी पत्नी का डीएनए जांच हो या फिर प्रवीण सिंगला की सास व ससुर के आईडी कार्ड और प्रवीण सिंगला के पिता के आईडी कार्ड मंगवा कर जांच करनी चाहिए। आपको बता दें इन एसई महाेदय का लुधियाना से बेहद प्यार है। पहले तो इनकी यहां से ट्रांसफर नहीं होती और अगर हो भी जाती है तो ये एसई साहिब जोड़तोड़ लगा दोबारा से लुधियाना नगर निगम में अपने पैर जमा ही लेते हैं।
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एक दिन पहले ही भ्रष्टाचार मामले में मुक्तसर की डीसी हो चुके हैं सस्पेंड
आपको बता दें आम आदमी पार्टी के हाथों से दिल्ली की कमान छीनने के बाद अब पंजाब मे आम आदमी पार्टी की सरकार भ्रष्ट अफसरों को किसी भी सूरत में बख्शने के मूड में नहीं है और इसका उदाहरण देने को ही जहां पहलें पंजाब के विजिलेंस चीफ को हटा दिया गया, तो वहीं मुक्तसर के डीसी को भी सस्पेंड कर दिया गया। आपको बता दें इन दोनों ही अफसरों को लेकर रिश्वतखाेरी की शिकायतें पंजाब सरकार तक पहुंच रही थी और जिसके चलते ये एक्शन सरकार की ओर से ले लिया गया। आपको बता दें कि ऐसे में नगर निगम में भी मोटी रिश्वत लेने वाले अफसर भी पंजाब सरकार के निशाने पर आ सकते हैं। भले ही कुछ अफसरों आप विधायकों के आशीर्वाद पाकर खुद को बेहद मजबूत मान रहे हैं, लेकिन अब पंजाब सरकार को अपने बचे दो साल के कार्यकाल में किसी तरह की कोताही व लापरवाही बर्दाश्त नहीं करना चाहती। गौर हाे कि नगर निगम की बीएंडआर शाखा में पिछले तीन महीनों में बनाई आधा दर्जन से अधिक सड़कें टूट चुकी हैं और नगर निगम कमिश्नर भी इन सड़कों के निर्माण के पीछे जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करने की बजाय मामला दबाते चले जा रहे हैं।
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Yashpal Sharma (Editor)