लुधियाना का नेहरू रोज गार्डन को 8.80 करोड रुपए की लागत से नवीनीकरण करने के प्रोजेक्ट कानूनी दांव पेच के दायरे में फसता दिखाई दे रहा है। इस प्रोजेक्ट को लेकर हाई कोर्ट गई एक ठेका कंपनी की अपील पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निगम प्रशासन को आदेश जारी किए हैं कि इस प्रोजेक्ट का वर्क आर्डर जारी नहीं किया जाए और अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को रख दी गई है। आपको बता दें कि इस मामले में हितेश अग्रवाल नाम के ठेकेदार की ओर से नगर निगम अफसरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए अदालत में एक याचिका दायर की थी
इस याचिका में उक्त ठेकेदार का आरोप था कि निगम अफसरों ने टेंडर प्रक्रिया में बड़ा घालमेल किया गया है। कोर्ट में अपीलकर्ता ठेकेदार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि इस प्रोजेक्ट का पहले टेंडर लगाया गया था और और बिड ओपन करने से पहले ही इस प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया। इसके बाद दोबारा से टेंडर लगाने की के नियमों का पालन किए बिना नगर निगम ने यह टेंडर लगाया और एक ठेकेदार को यह काम अलॉट कर दिया गया। बड़ी बात है कि इस प्रोजेक्ट को लेकर मौजूदा राज्यसभा सांसद और पश्चिम विधानसभा से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा की ओर से रोज गार्डन के नवीनीकरण प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी किया जा चुका है, लेकिन अब इस कानूनी अड़चन के चलते नगर निगम इस काम का वर्क आर्डर उक्त ठेकेदार को जारी नहीं कर पाएगा। लेकिन सवाल अब यह खड़ा होता है कि नगर निगम अफसरों की ओर से इस टेंडर की सभी प्रक्रिया पूरी किए बिना इस काम का उद्घाटन कैसे करवा डाला। आपको बता दें कि ये प्रोजेक्ट भी नगर निगम के चर्चित अधिकारी से संबंधित है। इन अधिकारी साहिब को कुछ समय के लिए लुधियाना की बिल्डिंग ब्रांच का भी बतौर एमटीपी चार्ज मिला था और अपने छोटे से कार्यकाल में यह अधिकारी बड़े कारनामे करने में कामयाब रहे हैं । ये साहब कई इलीगल बिल्डिंग को बनवाने और कई अन कंपाउंड बिल्डिंग को कंपाउंड करने के मामले में लिप्त हैं, उनकी कई इंक्वायरिज चंडीगढ़ हेड ऑफिस में चल रही है लेकिन इसके बावजूद यह आला अधिकारी बड़े-बड़े कारनामे करने में गुरेज नहीं करते।
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Yashpal Sharma (Editor)