दिल्ली। सरकार ने शनिवार को मीडिया आउटलेट्स से सेना के ऑपरेशन्स और सुरक्षा बलों की आवाजाही का लाइव टेलीकास्ट न करने का निर्देश दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि ऐसी रिपोर्टिंग से अनजाने में दुश्मनों को मदद मिल सकती है। यह सलाह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद रक्षा मामलों पर रिपोर्टिंग के मद्देनजर जारी की गई है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। सरकार ने कहा अगर कोई चैनल केबल टीवी नेटवर्क अमेंडमेंट एक्ट 2021 के नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इधर, भारतीय रेलवे ने भी कश्मीर में तैनात गैर-कश्मीरी कर्मचारियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कहा है कि कोई गैर कश्मीरी कर्मचारी अकेले बाहर न जाए। उन्हें ऑफिस आने-जाने के लिए भी RPF की ओर से सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।
मीडिया के लिए एडवायजरी की बड़ी बातें...
• नेशनल सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, न्यूज एजेंसी, सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे सेना और बाकी सुरक्षा ऑपरेशन से जुड़ी रिपोर्टिंग करते समय नियमों का पालन करें।
• खासतौर पर डिफेंस ऑपरेशन और मूवमेंट के रियल टाइम कवरेज, विजुअल्स को सूत्रों के हवाले से चलाने से बचना चाहिए। संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा अनजाने में दुश्मन की मदद कर सकता है और कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
• मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्तिगत रूप से हर कोई राष्ट्रीय सुरक्षा में अहम जिम्मेदारी निभाता है। कानूनी रूप से प्रतिबंध के इतर यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने सैनिकों की सुरक्षा का ध्यान रखें, जबकि वे किसी खास ऑपरेशन में लगे हैं।
• सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सभी टीवी चैनल्स को पहले भी निर्देश जारी कर चुका है कि किसी भी चैनल पर एंटी टेररिस्ट ऑपरेशन का लाइव कवरेज नहीं दिखाया जाएगा। मीडिया कवरेज बैन होने के बाद सरकार की तरफ से निर्धारित अधिकारी इसके बार में ऑपरेशन खत्म होने पर ब्रीफ करेगा।
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Yashpal Sharma (Editor)