आईएएस अधिकारी आदित्य डैचवाल ने नगर निगम कमिश्नर का चार्ज लेने के दूसरे दिन ही बिल्डिंग ब्रांच की मीटिंग कॉल कर ली। इस मीटिंग में फिर से बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों को ताकीद दे दी गई कि वे बिना बिल्डिंग प्लॉन मंजूरी के कोई निर्माण न होने दें और मौजूदा बिल्डिंग चालानों की अस्समेंट कर इनकी रिकवरी करें। लेकिन नए निगम कमिश्नर आदित्य डैचवाल का बिल्डिंग ब्रांच को लेकर चैलेंज केवल यही खत्म नहीं होता। इसका बड़ा कारण है कि शहर में धड़ल्ले से बन रही इल्लीगल बिल्डिंगों के खेल में निगम अफसरों का शामिल होना। नए निगम कमिश्नर के लिए बड़ा चैलेंज रहेगा कि वे अब इल्लीगल बिल्डिंग की डैमोलेशन करेंगे या फिर पुराना सीलिंग का फार्मूला यानि (लाखों में सेटिंग) का खेल खलेंगे। ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।
हालांकि यही आदेश पूर्व निगम कमिश्नर संदीप संदीप रिषी भी देते आए, लेकिन इसके बावजूद शहर में धड़ाधड़ इल्लीगल बिल्डिंगों का बनाने का सिलसिला बंद नहीं हो पाया है। नगर निगम में पहले बिल्डिंग बनवाने के खेल में लाखों की रिश्वत निगली जा रही है और उसके बाद इस नाजायज बिल्डिंग को सील कर दोबारा से बिल्डिंग मालिक को मोटा रगडा दिया जा रहा है। पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट में कहीं भी इल्लीगल बिल्डिंग को सील करने का कोई प्रावधान नहीं रखा गया, लेकिन निगम अफसरों की मिलीभगत से सीलिंग फार्मूला लगाकर बिल्डिंग मालिक से लाखों रुपए व एक एफिडेविट लेकर ये सीलिंग खोल दी जाती है। मोटी रिश्वत के चलते बिल्डिंग मालिक दोबारा से नियमों को ताक में रख न अनकंपाउंड हिस्से को गिराता है और न पार्किंग की कोई व्यवस्था ही करता है।
अब नए कमिश्नर आदित्य डैचवाल इस पुराने फार्मूलें को बदलेंगे या फिर से इसके जरिए नेताओं को खुश करेंगे ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। आज की बैठक में बीएंडआर एसई व साथ एमटीपी का चार्ज देख रहे संजय कंवर व प्रवीण सिंगला, एटीपी एमएस बेदी, मोहन सिंह, जगदीप सिंह तथा बिल्डिंग इंस्पेक्टर भी मौजूद थे। डैचवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे चालानों की अस्समेंट को तुरंत पूरा करें किऔर बकाया राशि की वसूली में तेजी लाएं। इसके अलावा इमारतों से लंबित सीएलयू शुल्क वसूलने के भी निर्देश दिए गए। एमटीपी और एटीपी को स्थिति की नियमित निगरानी करने के निर्देश देते हुए डैचवाल ने कहा कि वे हर 15 दिन में प्रगति की जांच के लिए समीक्षा बैठकें करेंगे। निगम कमिश्नर ने निवासियों से अपील की कि वे नगर निगम से बिल्डिंग प्लान स्वीकृत करवाने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू करें, अन्यथा अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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Yashpal Sharma (Editor)