यशपाल शर्मा, लुधियाना आम आदमी पार्टी की ओर से लुधियाना की वेस्ट विधानसभा सीट से कारोबारी संजीव अरोड़ा सन्नी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है। यह ऐलान आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक की ओर से किया गया है। संजीव अरोड़ा के विधानसभा चुनाव में उतरने से राजनीतिक खेमें में हलचल मच गई है। एमएलए गुरप्रीत गोगी के निधन के बाद रिक्त हुई लुधियाना वेस्ट सीट से आम आदमी पार्टी किसे अपना उम्मीदवार उतारेगी, इसको लेकर लगातार कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। बड़ी बात है कि ई न्यूज पंजाब वेब चैनल की ओर से सबसे पहले इस बात की संभावना जताई गई थी कि आम आदमी पार्टी लुधियाना वेस्ट से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को अपना उम्मीदवार घोषित करने पर विचार कर रही है। बड़ी बात है कि संजीव अरोड़ा की राज्यसभा सीट खाली होने के बाद आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो व दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम अरविंद केजरीवाल लुधियाना से राज्यसभा मेंबर बन सकते है और इसके जरिए अरविंद केजरीवाल का राज्यसभा में जाने का रास्ता साफ हो जाएगा। बात करें संजीव अरोड़ा की तो वह लुधियाना की डेवलपमेंट, कारोबारियों की समस्याओं और केंद्र के साथ पंजाब की (खासकर लुधियाना की) डेवलपमेंट को लगातार एक पुल की तरह काम करते रहे हैं। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी की ओर से संजीव अरोड़ा को लुधियाना वेस्ट सीट से अपना उम्मीदवार बनाया गया है । लुधियाना के की लार्ज स्केल इंडस्ट्री और मीडियम स्केल इंडस्ट्री में संजीव और अरोड़ा की अच्छी पकड़ है और बड़े बिजनेस घराने भी संजीव अरोड़ा से सालों साल से जुड़े हुए हैं। अरोड़ा कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर केयर ट्रस्ट लंबे समय से चला रहे है, इस ट्रस्ट के जरिए वे गरीब लोगों का निशुल्क इलाज भी करवाते है। संजीव अरोड़ा के लुधियाना वेस्ट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बनने के बाद इस सीट का मुकाबला बेहद रोचक बन सकता है। इसका बड़ा कारण है भारत भूषण आशू का दूसरी तरफ कांग्रेस का उम्मीदवार होना। संजीव अरोड़ा के भारत भूषण आशू के साथ भी बेहतर संबंध रहे हैं और अब की बार ये दोनों ही उम्मीदवार इस चुनाव में एक दूसरे के प्रतिद्वंदी बन मैदान में उतरेंगे। ऐसे में दोस्ताना संबंध रखने वाले इन दोनों ही उम्मीदवारों के लिए चुनाव की राजनीति चमकाने को एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप मढ़ने आसान नहीं होंगे। इतना ही नहीं भारत भूषण आशू के अधिकतर कारोबारी कॉमन फ्रेंड संजीव अरोड़ा के भी घनिष्ठ मित्र हैं और इन हालात में खासकर आम आदमी पार्टी की सरकार में यह बाय इलेक्शन अन्य उम्मीदवारों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है। अपने लगभग 2 साल के राज्यसभा सांसद के कार्यकाल में संजीव अरोड़ा लगातार मीडिया के साथ रूबरू होते रहे हैं और उनकी ओर से लुधियाना की डेवलपमेंट को कभी भी राज्य राज्य व केंद्र के समक्ष नजर अंदाज नहीं होने दिया गया। राज्यसभा सदस्य सांसद होते संजीव अरोड़ा लगातार लुधियाना से संबंधित बड़े मुद्दे उठाते आ रहे है। शहरी सीट में उनकी अहम पैठ है तथा वह इस सीट के लिए उपयुक्त दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन वही संजीव अरोड़ा को आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार बनाने के बाद गुरप्रीत गोगी की फैमिली में निराशा के माहौल की खबरें भी सामने आ रही है । गुरप्रीत गोगी की पत्नी सुखचैन कौर गोगी इस उम्मीद में थी कि आम आदमी पार्टी उन्हें अपना उम्मीदवार बना सकती है लेकिन उनकी बतौर काउंसलर चुनाव में हार ने इस समीकरण को बदल दिया और वही आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को राज्यसभा में भेजने के लिए भी किसी एक राज्यसभा मेंबर की तलाश में थी जो संजीव अरोड़ा के मिलने के बाद पूरी हो गई है।
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Yashpal Sharma (Editor)