लुधियाना. इस बार चुनाव के मद्देनजर पंजाब सरकार बैकफुट पर है। अब तक इस सीजन में पराली जलाने के 67 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। चुनाव से पहले सरकार किसानों को नाराज करके अपना वोट बैंक नहीं खोना चाहती। शायद यही कारण है कि पराली जलाने के मामले में किसी भी किसान के खिलाफ कोई एफआइआर दर्ज नहीं हुई। इसके चलते सूबे में भारी प्रदूषण से सांस और आंखों में जलन संबंधी कई बीमारियां फैल गई हैं। इससे सांस रोगियों का बुरा हाल है। अस्पतालों की ओपीडी भर चुकी हैं। वहीं, अभी तक प्रशासन ने एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की है। कार्रवाई के नाम पर 44 हजार 478 स्थानों पर चेकिंग कर 2.62 करोड़ जुर्माना तो लगाया, लेकिन वसूली एक रुपए की भी नहीं की गई। वहीं, अगर पिछले वर्षों की बात करें तो पराली जलाने के मामले में साल 2019 में 1,737 एफआइआर दर्ज हुई थी। 2020 में यह घटकर 48 रह गई थी। इस वर्ष यह आंकड़ा शून्य है।
Record 67 Thousand Stubble Burning Cases But Still No Fir