ई न्यूज पंजाब, लुधियाना वर्ष 2019 की अंतिम रविवारीय सभा में आदरणीय श्री नरेश सोनी (भाई साहिब) ने सभी साधकों के लिए गुरुजनों से मंगल की प्रार्थना की और मांगा कि प्रभु श्री राम आप बेअंत हैं। हम आप के पास अपनी भूलों को क्षमा करवाने आये हैं। हम आप का अंत नही जानते। आप ने लाखों पापियों को तारा है। प्रभु हमें भी राह दिखाएं। हमें भी इस भव सागर से पार लगाएं। प्रभु आप बहुत दयालु हैं। आप के दर पर जो भी आता है आप उस की मनोकामनाओ को पूर्ण करते हैं। हम भी आज आप से अपने अवगुण क्षमा करवाने आये हैं। हमारी इस मनोकामना को आवश्यक पूर्ण कीजियेगा। हमें अपने चरणों में स्थान दीजिएगा। हमारा मन अपने नाम के जप सिमरन और ध्यान में लगाई रखिएगा। हमारा सदैव साथ दीजिएगा। सदैव हमारा मार्ग दर्शन कीजिएगा। हमें अपने नाम का भरोसा प्रदान कीजिएगा।आदरणीय नरेश सोनी जी ने कहा कि श्री अमृतवाणी जी ले पाठ से हमारे विचार शुद्ध हो जाते हैं। राम नाम का पाठ अंत करण को शुद्ध करता है। राम नाम का जाप सूर्य के तेज के समान है। यह मन के अंधकार को दूर करता है। परमेश्वर का नाम ही जीवन में सहायक है। सभी रिश्ते नाते इस जीवन में छूट जाते है पर सिमरन किया राम नाम परलोक में भी सहायक होता है। वर्ष के आरम्भ में हमने सेवा और सिमरन का व्रत लिया था। आज देखना है हमने अपना व्रत पूर्ण किया या नही। श्री मद भगवद गीता में अर्जुन ने श्री कृष्ण से यह प्रश्न किया कि हे श्री कृष्ण! आप को कौन से भक्त प्रिये है। भगवान ने कहा हे अर्जुन चार प्रकार के पुण्यकर्मी मुझे भजते हैं। वे आर्त, जिज्ञासु, प्रयोजन सिद्ध करने वाला और ज्ञानी ये चार है। परंतु निश्चय से मैं ज्ञानी का बहुत ही प्यारा हूं और वह भी मेरा बहुत प्यारा है। बहुत जन्मों के अंत में ज्ञानी मुझे प्राप्त हो जाता है। जो उपासक यज्ञ कर्मों के देवता मुझे जानते है वे मुझ में मन लगाने वाले इस संसार से जाते समय भी मुझे जान लेते है। ज्ञानी सदैव प्रभु पर भरोसा रखता है और निष्काम भाव से प्रार्थना करता हुआ प्रभु कृपा का पात्र बना रहता है। हम भी जो जो मनोकामनाएं ले कर श्री राम के पास आये उन्हें प्रभु ने पूर्ण किया। पर हम ने देखना है की हम कैसे भक्त है। नए वर्ष में हमने ज्ञानी भक्त बनने की चेष्टा करनी है। क्योंकि ज्ञानी ही परमेश्वर का सब से प्यार है। जाने अनजाने में जो भूलें हुई हैं उन्हें नव वर्ष में दोहराना नही है। प्रभु ने हमें यह अनमोल मानव जन्म दिया है। जो पल पल कर समापत हो रहा है। हमें अपने बचे समय का सदुपयोग करना है। उसे श्री राम नाम के जाप, सेवा और सत्संग में लगाना है।अर्जुन ने फिर पूछा कि प्रभु मन को कैसे वश में किया जाये। यही हम सब का भी प्रश्न है। उत्तर में भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि बार बार के अभ्यास, प्रयत्न से और वैराग से मन वश में किया जा सकता है। भगवान ने विश्वास दिलाया है कि जो व्यक्ति एक बार मेरे दिखाए पथ पर पूर्ण विश्वास के साथ चल पड़ता है फिर मैं उसे पथ भ्रस्ट नही होने देता। इस जन्म नही तो अगले जन्म में मैं उसे सफल बना देता हूँ। जन्म मरण के चक्कर से मुक्त कर देता हूँ। हमें मानव जीवन बड़ी दुर्लभता व् सीमित समय के लिए मिला है। हर पल समय कम हो रहा है । इसलिए मनुष्य को इस बहुमूल्य व् सीमित समय को परोपकार में, सेवा में और प्रभु के सिमरण में लगाना चाहिए, क्योंकि अंत काल में केवल राम नाम ही सहारा देने वाला है। जो मनुष्य सदा अपनी मृत्यु को याद रखता है व यह जानता है कि उसे अकेले ही इस संसार से जाना है, वह मनुष्य इस संसार में रह कर भी मोह माया से दूर रहता है। 2019 वर्ष में सुख और दुख दोनों मिलें। हमने अच्छा बनने का प्रयत्न किया। इस वर्ष में हमारे कार्यों जो रुकावटे आई वह श्री राम की कृपा से दूर हो गयी। इस के लिए हमनें प्रभु राम का धन्यवाद करना है और हमने वर्ष 2019 में जो जो भूलें की हैं उन के लिए प्रभु से क्षमा मांगनी है और वर्ष 2020 के लिए भगवान से कृपा मांगनी है। केवल प्रभु कृपा , राम नाम के जाप से ही हम जीवन में सफल हो सकते हैं और अपने संकटों का निवारण करवा सकते हैं। आदरणीय भाई साहिब जी ने सूचित किया की नववर्ष 2020 के उपलक्ष्य पर विशेष सत्संग बुधवार, 1 जनवरी 2020 को सांय 7:00 से 8.15 बजे तक श्री रामशरणम् आश्रम, किचलू नगर, लुधियाना में होगा और "84 घण्टे" का अखंड जप-यज्ञ का शुभ आरम्भ् भी बुधवार 1 जनवरी 2020, सांय 7:00 से 8.15 बजे की सभा में होगा। जिस की पूर्णाहुति 5 जनवरी 2020 रविवार को प्रातः 9-00 बजे से 10-30 बजे तक श्री रामशरणम् आश्रम, किचलू नगर, लुधियाना में होगी।